नई दिल्ली। पैन कार्ड से आधार को जोड़ने की समयसीमा 31 मार्च के काफी पास आ जाने के बाद भी अब तक केवल 50 प्रतिशत पैनकार्ड धारकों ने ही अपने जैविक पहचान आधार को पैन से जोड़ा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बताया कि आयकर विभाग ने अब तक 42 करोड़ स्थायी खाता संख्या (पैन) आवंटित किया है। इनमें से 23 करोड़ लोगों ने ही पैन को आधार से जोड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर सुनवाई करते हुए आयकर रिटर्न दायर करते समय आधार को अनिवार्य कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने पैन और आधार को जोड़ने की समयसीमा 31 मार्च, 2019 तय की है। चंद्रा ने एसोचैम का एक कार्यक्रम संबोधित करते हुए यहां कहा कि आधार से जोड़ने से हमें यह पता चलेगा कि किसी के पास नकली पैन तो नहीं। यदि इसे आधार से नहीं जोड़ा गया तो हम पैन रद्द भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब पैन से आधार जुड़ जाएगा और पैन बैंक खाते से जुड़ा रहेगा तो आईटी विभाग करदाता के खर्च करने का तरीका तथा अन्य जानकारियां आसानी से पता कर सकेगा। कईअन्य एजेंसियां भी आधार से जुड़ी हुई हैं तो यह भी पता लगेगा कि समाज कल्याण योजनाओं का लाभ उचित लोगों को मिल रहा है या नहीं।
उन्होंने कहा कि इस साल अब तक 6.31 करोड़ रिटर्न दायर किए गए हैं। यह पिछले साल के 5.44 करोड़ रिटर्न से अधिक है। इस साल विभाग 95 लाख नए करदाताओं को जोड़ चुका है। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि 125 करोड़ आबादी और 7.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर वाले देश में केवल 1.5 लाख रिटर्न में आय एक करोड़ रुपए से अधिक दिखाई जा रही है।
चंद्रा ने कहा कि यह बहुत खेदजनक स्थिति है कि इस देश में जहां जीडीपी, खर्च, उपभोग सभी बढ़ रहा है, सारे पांच सितारा होटल भरे हुए हैं, लेकिन जब आप किसी से पूछेंगे कि कितने लोग एक करोड़ रुपए से अधिक आय की जानकारी रिटर्न में दे रहे हैं? यह दयनीय है।
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