नई दिल्ली। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने आज कहा कि वह अगले पांच साल में ऋण के बोझ से लगभग मुक्त हो जाएगी। कंपनी पर फिलहाल 46,000 करोड़ रुपए का कुल कर्ज है।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि अगले चार-पांच साल में हमारी कंपनी लगभग कर्ज मुक्त हो जाएगी। मेरा मानना है कि कंपनी पर कर्ज का बोझ उसके परिचालन लाभ से तीन गुना से अधिक नहीं होगा। जिंदल ने कहा कि कंपनी का कर्ज का बोझ कोयला ब्लॉक को रद्द करने से बढ़ा है, क्योंकि उसे 3,500 करोड़ रुपए का भुगतान अतिरिक्त शुल्कों के रूप में करना पड़ा है। उन्होंने कहा, ऐसे में हमें शुल्कों को चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ा है। हम इस कर्ज का भुगतान भी कर रहे हैं। इसकी लागत हमारे लिए 5,000 करोड़ रुपए से अधिक बैठी है।
कोयला घोटाला मामले में पांच आरोपियों को मिली जमानत
एक स्थानीय विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल एवं अन्य के खिलाफ कोयला घोटाला के एक मामले में पांच आरोपियों को आज जमानत दे दी। सीबीआई ने इन पांचों को पूरक आरोप पत्र में नामजद किया है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने आज आरोपियों- जिंदल स्टील के सलाहकार आनंद गोयल, गुड़गांव स्थित ग्रीन इंफ्रा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ माद्रा, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बी एस एन सूर्यनारायण, मुंबई स्थित केई इंटरनेशनल के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव अग्रवाल और मुंबई के एस्सार पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील कुमार मारू को यह राहत प्रदान की। यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंग कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा है।
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