नई दिल्ली. देशभर में इस वर्ष की दिवाली को हिन्दुस्तानी दिवाली के रूप में मनाने के कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आव्हान को देश के कोने-कोने में ले जाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं जिसके जरिये कैट के बैनर तले देश का व्यापारी वर्ग चीन को इस वर्ष के दिवाली फेस्टिवल सीजन पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का एक बड़ा झटका देने को पूरी तरह मुकम्मल है। कैट के इस अभियान को देश भर से व्यापक समर्थन मिल रहा है।जहाँ व्यापारियों ने चीनी सामान को नहीं बेचने का संकलप लिया है।
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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज जारी एक संयुक्त वक्तव्य में बताया की प्रति वर्ष भारत में दिवाली त्यौहार के सीजन पर लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता है जिसमें सोना चांदी, ऑटोमोबाइल जैसे महंगे रिटेल व्यापार भी शामिल हैं। इस 70 हजार करोड़ के व्यापार में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का सामान बीते वर्षों में चीन से आयात होता है। लेकिन भारत को लेकर चीन के मंसूबे उजागर होने के बाद अब देश के सभी वर्गों में चीन के प्रति एक बड़ा गुस्सा और आक्रोश है और जिसके चलते लोग चीन का सामान न खरीदने का मन बनाये हुए बैठें हैं।
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देश भर में व्यापारी कैट के भारतीय सामान - हमारा अभिमान एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को जमीनी स्तर तक सफल बनाने में भारतीय सामानों को प्रमुखता से बेचे जाने के लिए स्टॉक का संग्रह कर रहे हैं।
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दिवाली के त्योहारी सीजन में वैसे तो हर वर्ग का व्यापारी अपनी तैयारी कर रहा हैं किन्तु खास तौर पर मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिकल सामान, खिलौने, होम फर्निशिंग, किचेन एक्सेसरीज, गिफ्ट आइटम्स, घड़ियाँ, रेडीमेड गारमेंट्स, फैशन के कपडे, फुटवियर, कॉस्मेटिक्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, फर्नीचर, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, कंस्यूमर ड्युरेबल्स, ऑफिस स्टेशनरी, दिवाली की पूजा और दिवाली पर घर, दुकान, ऑफिस सजाने का दिवाली का सामान आदि बड़ी मात्रा में बिकने की संभावना है।
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उन्होंने बताया की कैट ने चीन के सामानों के विकल्प के रूप में जहां देश भर में लघु उद्योगों की जानकारी करते हुए उन्हें अधिक उत्पाद बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया हैं वहीँ दूसरी ओर देश के प्रत्येक शहर में कारीगरों, शिल्पकारों एवं ऐसे लोग जिनके पास कला कौशल तो है लेकिन साधन नहीं है। वहीं कैट का यह प्रयास सही मायनों में प्रधानमंत्री मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को वास्तविकता में करके दिखायेगा जिसके जरिये चीन को 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका देकर सबक सिखाया जाएगा।
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