नई दिल्ली। चुनाव के दौरान जनता के साथ बड़े-बड़े वादे करना केवल भारत में ही नहीं होता है, बल्कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली और संपन्न देशों में भी चुनाव जीतने के लिए इनका सहारा लिया जाता है। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति और डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा कि वह न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 15 डॉलर (करीब 1100 रुपए) प्रति घंटे करेंगे और इस बात से इनकार किया कि इससे छोटे कारोबारियों को नुकसान होगा।
उन्होंने राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जब आप न्यूनतम मजदूरी बढ़ाते हैं, तो कुछ व्यवसाय बंद हो जाते हैं। दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी तय करने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मजदूरी बढ़ाने का दबाव बनाकर आप छोटे कारोबारियों की मदद किस तरह कर रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया ऐसा करने पर कई छोटे कारोबारी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देंगे। अमेरिका में इस समय न्यूनतम मजदूरी 7.25 डॉलर प्रति घंटे है।
क्यूबा ने कहा, अमेरिकी प्रतिबंधों से 5.6 अरब डॉलर का हुआ नुकसान
क्यूबा ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के चलते उसे एक साल में लगभग 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिग्ज ने कहा कि बढ़ते प्रतिबंधों से इस द्वीपीय देश की हालत खराब हो रही है, और यह विषय अगले साल के संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के एजेंडे में है।
उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध हमारे लोगों को उनके वजूद के लिए जरूरी बुनियादी वस्तुओं से वंचित करने का क्रूर प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों के चलते पिछले साल के 4.3 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस साल अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।
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