मुकेश और अनिल अंबानी के बीच बड़ा सौदा, आरकॉम के टेलीकॉम बिजनेस को खरीदेगी रिलायंस जियो, Rcom के शेयर में 20% तेजी
रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) ने अपना वायरलेस कारोबार बेचने के लिए रिलायंस जियो के साथ बाध्यकारी निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली। रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) द्वारा अपना वायरलेस कारोबार बेचने के लिए रिलायंस जियो के साथ समझौते का आज बाजार पर बेहतर असर दिखाई दे रहा हैैै। आज आरकॉम का शेयर 20 फीसदी तेेेेजी केे साथ कारोबार कर रहा है। कल ही दोनों कंपनियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के तहत रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) आरकॉम से टॉवर, फाइबर और एमसीएन बिजनेस का अधिग्रहण करेगा। इस सौदे को मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। आरकॉम लगभग 45,000 करोड़ रुपए के भारी बोझ से दबी है और लंबे समय से इसे चुकाने के प्रयासों में जुटी है। उल्लेखनीय है कि इस सौदे की घोषणा स्व. धीरूभाई अंबानी के जन्मदिवस के अवसर पर की गई है, जिससे दोनों भाइयों के बीच एक बार फिर नजदीकियां बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
रिलायंस जियो ने एक बयान में इस सौदे की जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि उसने इस बारे में एक निश्चित समझौता किया है। जियो के बयान में कहा गया है कि जियो या उसकी नामित इकाइयां इस सौदे के तहत आरकॉम व उसकी सम्बद्ध इकाइयों से चार श्रेणियों-टॉवर, ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क, स्पेक्ट्रम व मीडिया कनवर्जेंस नोड्स (एसीएन) परिसंपत्तियां खरीदेगी। जियो का कहना है उक्त आस्तियां रणनीतिक महत्व की हैं और इससे जियो द्वारा वायरलैस व ‘फाइबर टु होम’ तथा उद्यम सेवाओं की बड़े पैमाने पर शुरुआत करने में मदद मिलेगी।
आरकॉम की संपत्तियों को खरीदने के लिए जियो सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरकर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक इस समझौते को अब पूरा हुआ माना जा सकता है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड दो स्तरीय बोली प्रक्रिया में सफल बोलीदाता रही है। बयान में कहा गया है कि यह अधिग्रहण सौदा सरकारी और नियामकीय मंजूरियों, सभी कर्जदारों की सहमति, शेयरधारकों की स्वीकृति पर निर्भर करेगा। इस सौदे के लिए रिलायंस जियो को गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, जेएम फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड, डेविस पॉक, वार्डवेल एलएलपी, सिरील अमरचंद मंगलदास, खेतान आदि ने सलाह दी थी।
इससे पहले बुधवार को अनिल अंबानी ने स्ट्रेटेजिक डेट रिस्ट्रक्चरिंग (एसडीआर) कार्यक्रम से बाहर निकलने की घोषणा की थी। अनिल अंबानी ने कर्जदाताओं को आश्वासन दिया था कि कंपनी अपना पूरा कर्ज चुकाएगी और मार्च 2018 तक कर्ज को 25000 करोड़ रुपए कम करेगी।