ग्राहकों में हड़कंप मचाने के बाद Jio ने दिया अब ये बयान, कहा इन लोगों को मिलता रहेगा फ्री कॉलिंग का लाभ
जियो ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा है कि यदि किसी उपभोक्ता ने 9 अक्टूबर, 2019 को या इससे पहले डाटा पैक रिचार्ज कराया है, तो उसे फ्री वॉयस कॉलिंग का लाभ तब तक मिलता रहेगा, जब तक उसके पैक की अवधि समाप्त नहीं होती।
नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपने उपभोक्ताओं से अन्य कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर 6 पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लेने की घोषणा कर हडकंप मचाने के एक दिन बाद कंपनी ने उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश की है।
जियो ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा है कि यदि किसी उपभोक्ता ने 9 अक्टूबर, 2019 को या इससे पहले डाटा पैक रिचार्ज कराया है, तो उसे फ्री वॉयस कॉलिंग का लाभ तब तक मिलता रहेगा, जब तक उसके पैक की अवधि समाप्त नहीं होती। 10 अक्टूबर से नया रिचार्ज कराने वाले उपभोक्ताओं को फ्री कॉलिंग की सेवा नहीं मिलेगी।
अपने सेवा शुरू करने के तीन साल बाद जियो ने अपने उपभोक्ताओं से पहली बार वॉयल कॉल के लिए शुल्क लेने की घोषणा की है। जियो के यूजर्स द्वारा प्रतिस्पर्धी कपंनियों एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के नेटवर्क पर कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लिया जाएगा। हालांकि कंपनी इसकी भरपाई के लिए उपभोक्ताओं को बराबर मूल्य का मुफ्त डाटा देकर करेगी।
एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने कहा है कि जियो ने यू-टर्न लिया है, जिसने ग्राहकों को जीवनभर मुफ्त कॉल का वादा किया था। जियो ने अपने बयान में कहा है कि जब तक उसे अपने उपभोक्ताओं द्वारा किसी अन्य नेटवर्क पर फोन करने के एवज में किसी कंपनी को भुगतान करना होगा, तब तक उनसे यह शुल्क लिया जाएगा।
जियो ने कहा है कि जियो फोन या लैंडलाइन पर कॉल करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा व्हाट्सएप और फेस टाइम सहित इस तरह के प्लेटफॉर्म से किए गए फोन कॉल पर भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। सभी नेटवर्क पर इनकमिंग कॉल नि:शुल्क रहेंगे।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) को 2017 में 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया था। ट्राई ने इस व्यवस्था को 31 दिसंबर, 2019 तक समाप्त करने का प्रस्ताव किया था। अब नियामक ने इस बात की समीक्षा के लिए परिचर्चा पत्र निकाला है क्या इस समयसीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
कंपनी ने कहा कि चूंकि जियो के नेटवर्क पर वॉयस कॉल मुफ्त है। ऐसे में प्रतिद्वंद्वी नेटवर्कों के काफी ऊंचा शुल्क देने वाले 35 से 40 करोड़ 2जी उपभोक्ता उसके ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं। इस वजह से पिछले तीन साल के दौरान भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 13,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा है।
एयरटेल ने कहा कि आईयूसी की मौजूदा जारी समीक्षा इस बारे में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पूर्व में जताई गई मंशा के अनुरूप है। जियो के नियामकीय रुख को पलटने के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ट्राई के एक अधिकारी ने कहा कि अभी समीक्षा सिर्फ विचार विमर्श के स्तर पर है। यह निर्णय के स्तर पर नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे मे जियो फैसला आने से पहले ही निष्कर्ष पर पहुंच गई है। वहीं वोडाफोन ने बयान में कहा कि एक दूरसंचार सेवाप्रदाता द्वारा अन्य सेवाप्रदाताओं के नेटवर्क पर कॉल के लिए शुल्क लेने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे यह तथ्य भी सामने नहीं आता कि इंटरकनेक्ट आपरेटरों के बीच एक करार है और यह उपभोक्ता मूल्य का मामला नहीं है।