नई दिल्ली। 18 दिनों से चली आ रही Jewellers की हड़ताल शनिवार को खत्म हो गई है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ), ऑल इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीबीजे) और जेम्स ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म करने का फैसला किया। जेटली ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कोई इंस्पेक्टर राज नहीं लौटेगा। गौरतलब है कि आम बजट में सोना, हीरा और अन्य कीमती रत्न जड़ित चांदी के ज्वैलरी पर एक फीसदी उत्पाद शुल्क लगाए जाने के विरोध में Jewellers हड़ताल पर चले गए थे।
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जल्द नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद
जीजेएफ के अध्यक्ष श्रीधर जीवी ने बताया, वित्त मंत्री ने हमें आश्वासन दिया कि कोई इंस्पेक्टर राज नहीं होगा और हम इस संदर्भ में अधिसूचना की उम्मीद कर रहे हैं। लंबे विचार-विमर्श के बाद हमने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया। वित्त मंत्री ने 2016-17 के आम बजट में सोने और चांदी के रत्न जड़ित आभूषणों पर एक प्रतिशत की दर से उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया। इसके बाद दो मार्च से ही देश में अधिकांश आभूषण कारोबारियों के प्रतिष्ठान बंद हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक हड़ताल के कारण 1.25 लाख करोड़ से अधिक के नुकसान की संभावना है।
कारीगरों और शिल्पकारों पर नहीं लगेगा उत्पाद शुल्क
Jewellers और कारोबारी दो लाख रुपए और इससे अधिक के लेनदेन पर स्थाई खाता संख्या (पैन) का उल्लेख अनिवार्य किए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। इस बीच विरोध प्रदर्शन करने वाले ज्वैलर्स को शांत करने के प्रयास के तहत वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कारीगरों और शिल्पकारों को उत्पाद शुल्क नहीं देना होगा और न ही उन्हें इसके लिये पंजीकरण लेने की आवश्यकता है।
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