नई दिल्ली। दिल्ली सहित देश के अनेक भागों में जौहरियों व सर्राफा व्यापारियों ने अपनी हड़ताल सोमवार को फिर शुरू की। जौहरी गैर चांदी वाले आभूषणों पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं और उनकी मांग है कि केंद्र सरकार इसे वापस ले। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी और अन्य प्रमुख शहरों में ज्यादातर दुकानें व आभूषण शोरूम बंद रहे। जैन का कहना है कि देश के विभिन्न भागों में आंदोलनरत एसोसिएशनों ने तीन दिन के लिए सर्राफा बाजार पूरी तरह बंद रखने का फैसला किया है।
राजस्थान में जयपुर, जोधपुर और कोटा सहित अनेक शहरों में आभूषण की दुकानें तथा कानपुर, उत्तरप्रदेश में जवाहरात से जुड़े सैकड़ों प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) तथा ऑल इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन ने इस हड़ताल से खुद को अलग रखा है। जीजेएफ के निदेशक अशोक मीनावाला ने कहा, हम सरकार से पहले ही बातचीत कर रहे हैं और सकारात्मक परिणाम आया है। सरकार तीन परिपत्र पहले ही जारी कर चुकी है। गौरतलब है कि इस बार बजट में वित्त-मंत्री ने चांदी के सामान्य आभूषणों को छोड़ अन्य आभूषणों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में पूरे देश में अधिकांश हिस्सों में आभूषण कारोबारियों ने इससे पहले 42 दिन तक कारोबार बंद रखा था।
केंद्र सरकार ने उन्हें इंस्पेक्टर-राज के डर के खिलाफ आश्वासन दिया था और उनकी आशंकाओं पर विचार के लिए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहड़ी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। कानपुर सर्राफा एसोसिएशन के मोहन अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद ज्वैलर्स ने अपनी 42 दिन पुरानी हड़ताल खत्म की थी लेकिन अभी तक एक्साइज डयूटी हटाने की दिशा में कुछ नहीं हुआ है। इसके विरोध में आज शुरू हुए संसद सत्र के दिन संकेतिक हड़ताल रखी है। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल तो एक दिन की है लेकिन अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो फिर से ज्वैलर्स लंबी हड़ताल पर जा सकते हैं।
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