मुंबई। देश की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की अन्य आय में भारी गिरावट आने के फलस्वरूप कंपनी का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2017) में एकल शुद्ध लाभ पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 91 प्रतिशत गिरकर 49.63 करोड़ रुपए रह गया। नरेश गोयल के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने पिछले साल इसी तिमाही में 549.02 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया था।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में जेट एयरवेज ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका कुल बिक्री कारोबार मामूली घटकर 5,758.18 करोड़ रुपए रह गया। पिछले साल इस दौरान कंपनी ने 5,772.79 करोड़ रुपए का कारोबार किया था। हालांकि, इस दौरान कंपनी की अन्य आय आलोच्य अवधि में 59 प्रतिशत घटकर 131.57 करोड़ रुपए रह गई, जो कि इससे पिछले साल इसी अवधि में 319.58 करोड़ रुपए थी।
निजी जेट विमान की विदेश उड़ान के नियम बने उदार
घरेलू निजी जेट ऑपरेटरों को विदेश उड़ान के लिए अब नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने इस अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक संशोधित नियम सीमा शुल्क और आव्रजन सुविधाओं वाले हवाई अड्डों पर 15 दिसंबर से लागू होंगे।
अभी तक भारत में पंजीकृत चार्टर या निजी जेट को देश के बाहर उड़ान के लिए विमानन नियामक की मंजूरी की जरूरत होती थी। इसे वाईए नंबर भी कहा जाता है। बयान में कहा गया है कि इस तरह के परिचालन के लिए नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) में पहले ही जरूरी संशोधन कर लिए गए हैं।
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