नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज अपनी लागत घटाने के लिए अपने पायलटों की सैलरी घटाने पर विचार कर रही है। कंपनी ने अपने जूनियर रैंक पायलटों से कह दिया है कि वे आने वाले समय में 30 से 50 फीसदी तक की कटौती के लिए तैयार रहें। अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में ही एक पत्र में कहा है कि जूनियर पायलट या तो सैलरी एवं स्टाइपैंड में कटौती के लिए तैयार रहें या फिर नौकरी छोड़ दें। अखबार के सूत्रों के मुताबिक कंपनी यह कदम लागत में कटौती के मद्देनजर उठा रही है।
कंपनी ने कहा कि वह अपनी फ्लीट को मजबूती प्रदान करने और नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ऐसा कदम उठाने जा रही है। इस पूरे मामले से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि कंपनी अपना यह फैसला 1 अगस्त से ही लागू कर सकती है। फिलहाल जेट एयरवेज में 400 जूनियर पायलट हैं। जिन पर इस निर्णय का सीधा असर पड़ेगा। कंपनी अपने पायलटों के साथ वर्क एडजेस्टमेंट करने की तैयारी में है। इसके साथ ही कंपनी खाड़ी देशों में अपने नेटवर्क को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इन सब योजनाओं के लिए कंपनी कॉस्ट कटिंग का सहारा ले रही है।
हालांकि जेट एयरवेज ने इस पूरे मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। जेट एयरवेज को पिछले कुछ वर्षों में इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी बजट एयरलाइंस से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ रही है। जेट एयरवेज पर मालिकाना हक यूएई के एतिहाद एयरवेज का है।
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