नई दिल्ली। इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स ने इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट प्रोजेक्ट को वापस ले लिया है। कंपनी को इस प्रोजेक्ट पर 34,000 करोड़ रुपए का निवेश करना था। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग (डेइटी) की सचिव अरुणा शर्मा ने बताया कि जेपी एसोसिएट्स ने सेमीकंडक्टर प्लांट का अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। कंपनी का कहना है कि फिलहाल यह प्लांट लगाना व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी, 2014 में जिन दो प्लांट को मंजूरी दी थी, उनमें से एक जेपी एसोसिट्स का प्लांट था। कर्ज के बोझ से दबी जेपी एसोसिएट्स ने यह प्लांट लगाने के लिए आईबीएम तथा इजरायल की टावर सेमीकंडक्टर के साथ गठजोड़ किया था। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 34,399 करोड़ रुपए है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेसवे के साथ स्थापित की जानी है। शर्मा ने बताया कि एक अन्य कंपनी हिंदुस्तान सेमीकंडक्टर्स अभी भी परियोजना पर काम कर रही है और सरकार को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश के कुछ और प्रस्ताव मिले हैं, जिनकी घोषणा जल्द की जाएगी।
Jaypee Group 15,900 करोड़ रुपए में Ultratech को बेचेगा अपने सीमेंट प्लांट्स
किसी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में इलेक्ट्रॉनिक चिप एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके कुछ सुरक्षा प्रभाव भी हैं। फिलहाल देश में एक भी सेमीकंडक्टर प्लांट नहीं है। सरकार ने सेमीकंडक्टर संयंत्र को व्यावसायिक के अलावा उसके रणनीतिक महत्व की वजह से मंजूरी दी थी। 31 मार्च को घरेलू सीमेंट क्षेत्र में एक बड़े सौदे के तहत ऋण के बोझ से दबे जेपी समूह ने अपने सीमेंट कारोबार के कुछ हिस्से की बिक्री कुमारमंगलम बिड़ला की अगुवाई वाली अल्ट्राटेक को 15,900 करोड़ रुपए में करने की घोषणा की है।
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