नई दिल्ली। पानी और जमीन से उड़ान भरने में सक्षम विमान यूएस-2 को जापान भारत में बनाना चाहता है। इसके लिए जापानी कंपनी शिनमायवा इंडस्ट्रीज ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में एक प्लांट लगाने की पेशकश की है। कंपनी ने यह पेशकश ऐसे समय में की गई है जब नौसेना ने 2017 और 2022 के बीच सरकारों के मध्य एक सौदे के तहत इस तरह के छह विमान खरीदने की योजना बना रहा है। रक्षा सूत्रों ने कहा, यह सौदा जब किया जाएगा, उसमें 30 फीसदी का ऑफसेट क्लॉज होगा। इसी ऑफसेट क्लॉज के तहत शिनमायवा भारत में एक प्लांट लगाना चाहती है, जिससे वह ग्लोबल बाजार की जरूरतें पूरी कर सके, क्योंकि इस विमान की मांग बहुत ज्यादा है।
US 2
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भारत में मैन्युफैक्चरिंग नहीं आसान
इस प्रोजेक्ट पर 2011 से काम चल रहा है, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे की दिसंबर में भारत यात्रा के बाद इसमें नए सिरे से तेजी लाई गई। सूत्रों ने कहा कि यह सौदा एक सरकार से दूसरे सरकार के बीच की कवायद हो सकती है जिसमें शुरुआती खरीद पहले से तैयार विमानों की खरीद के साथ हो सकती है। उन्होंने कहा, यहां मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना आसान नहीं है। इसके लिए जरूरी ढांचा आवश्यक है।
समुद्र में उतर सकता है यह विमान
यह विमान अशांत समुद्र में भी उतर सकता है और इसमें लंबी दूरी के असैन्य व सैन्य एप्लीकेशंस हैं। भारत की विशाल समुद्री सीमा पर नजर रखने और आपदा राहत में इस्तेमाल के लिए भारतीय नौसेना ने इस विमान की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना के लिए अगली प्राथमिकता वाली परियोजना पी-75 इंडिया है जिसके तहत उसकी योजना और छह पारंपरिक पनडुब्बियां बनाने की है। इसके अलावा, नौसेना की प्राथमिकता में छह परमाणु पनडुब्बियां हैं जिसके लिए सुरक्षा से संबद्ध मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल फरवरी में मंजूरी दी थी। सूत्रों ने कहा, पी-75 इंडिया और परमाणु पनडुब्बियों पर फिलहाल मुख्य ध्यान है। इसके अलावा, देश में ही विनिर्मित विमान वाहक पोत के विकास पर इसका ध्यान है।
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