टोक्यो। जापान की अर्थव्यवस्था अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान वार्षिक आधार पर 7.1 प्रतिशत घट गई, जो शुरुआती अनुमान से भी खराब है। इसके साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ गई है। इस संबंध में जापान के मंत्रिमंडल ने सोमवार को संशोधित आंकड़े जारी किए। इससे पहले अर्थव्यवस्था में 6.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया था। जापान में एक साल से अधिक की अवधि के दौरान पहली बार अर्थव्यवस्था में संकुचन आया है। इस दौरान निवेश और बचत सहित घरेलू मांग में 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सरकारी खर्च स्थिर बना रहा।
तकनीकी रूप से यदि लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था का आकार घटता है, तो उसे मंदी कहा जाता है। एक अक्टूबर से देश में सेल्स टैक्स में बढ़ोतरी की गई है, जिससे रिटेल खर्च पर प्रतिकूल असर पड़ा है। नए आंकड़ों में कोरोनावायरस की वजह से पर्यटन और अन्य कारोबारी गतिविधियों पर पड़े रहे प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था में 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके पहले 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। एसएमबीसी निक्को सिक्यूरिटीज के विश्लेषक योशीमासा मरुयामा ने स्थिति को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि मंदी तकनीकी से अधिक गंभीर हो सकती है और अर्थव्यवस्था में वास्तव में गिरावट आ सकती है।
जापान खुद को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के प्रयास कर रहा है इसके लिए कर्ज में वृद्धि और सार्वजनिक परियोजनाओं में खर्च बढ़ाया गया है। सरकार ने मंदी से निपटने के लिए कई प्रोत्साहनों की भी घोषणा की है।
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