नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले जनधन खातों का एक बड़ा फायदा सामने आया है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के इकोनोमिक रिसर्च विंग की तरफ किए गए सर्वे के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में जनधन खातों की वजह से महंगाई दर में कमी आई है क्योंकि लोग खर्च करने के मुकाबले बचत करने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
30 करोड़ जनधन खातों में से सबसे ज्यादा खाते उत्तर प्रदेश में हैं, उत्तर प्रदेश के कुल जनधन खातों का करीब 60 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में है, रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर के दौरान उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता महंगाई दर निगेटिव 3.6 फीसदी दर्ज की गई है। इतना ही नहीं पान और तंबाकू जैसे फालतू उत्पादों की उपभोक्ता महंगाई दर भी निगेटिव 2.3 फीसदी रही है। उत्तर प्रदेश में करीब 4.7 करोड़ जनधन खाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल बिहार और पश्चिम बंगाल का भी है, बिहार में 3.2 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 2.9 करोड़ जनधन खाते हैं।
पश्चिम बंगाल के कुल जनधन खातों का करीब 69 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में है और सितंबर के दौरान वहां के ग्रामीण क्षेत्रों की उपभोक्ता महंगाई दर निगेटिव 5 फीसदी दर्ज की गई है जबकि पान और तंबाकू जैसे उत्पादों की उपभोक्ता महंगाई दर निगेटिव 4.6 फीसदी रही है। सितंबर के दौरान एक अन्य राज्य उड़ीसा में ग्रामीण क्षेत्रों की उपभोक्ता महंगाई दर निगेटिव 4.7 फीसदी दर्ज की गई है जबकि पान और तंबाकू की उपभोक्ता महंगाई दर निगेटिव 6.7 फीसदी रही है।
जानकारों के मुताबिक ग्राणीण क्षेत्रों में जनधन खातों की उपलब्धता बढ़ने की वजह से लोगों के व्यवहार में में बदलाव आया है और लोग खर्च करन के मुकाबले बचत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर में कमी देखने को मिली है।
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