नई दिल्ली। जापानी दौरे पर गए देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इंडियन इकोनॉमी वृद्धि की दिशा में अग्रसर है और ज्यादा मुनाफा चाहने वाले निवेशकों को अपना धन बुनियादी ढांचा और विनिर्माण क्षेत्र में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत और मुख्य बुनियादी ढांचा क्षेत्र का उत्पादन 8.4 प्रतिशत के चार साल के उच्चतम स्तर पर है। ये छिट-पुट आंकड़े नहीं है। इस पैटर्न के विश्लेषण से अर्थव्यवस्था में निहित मजबूती जाहिर होती है।
दिख रहा है ग्रोथ का पैटर्न
उन्होंने जापान-इंडिया व्यापार सहयोग सम्मेलन समिति द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान कहा, विश्व में वृद्धि का पैटर्न लौटने पर उपभोक्ता व्यय बढ़ेगा। उम्मीद है मानसून भी बेहतर होगा और भारत में जो रझान दिखा है वह और बेहतर हो सकता है। हम तेजी की ओर से अग्रसर हैं, यह स्पष्ट दिखता है। जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रतिकूल परिस्थितियों और लगातार दो साल कमजोर मानसून के बावजूद पिछले वित्त वर्ष की हर तिमाही में सात प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की। ऐसा मुख्य तौर पर अपेक्षाकृत अधिक सार्वजनिक व्यय, भारत के निजी क्षेत्र और विदेशी निवेशकों द्वारा नरमी के दौरान भी सर्वाधिक निवेश के कारण ऐसा संभव हुआ।
इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के मौके
जेटली ने कहा, मुझे भरोसा है कि जापनी निवेश एवं कोष और अन्य एजेंसियां जो मुनाफे वाली जगह पर अपने संसाधन लगाना चाहती हैं वे भारतीय संभावनाओं पर जरूर विचार करेंगे जो निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य दिखता है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के अलावा विनिर्माण क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता है और यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारत की वृद्धि की संभावनाओं के लिए विशाल मौका प्रदान करता है। भारत निवेशकों को लचीलापन की पेशकश करता है और मेक इन इंडिया पर जोर देने, बेहतर बुनियादी ढांचा और ग्रामीण इलाकों में व्यय से वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। जेटली ने कहा, भारत जो मुनाफे की संभावना पेश करता है वह अन्य गंतव्यों के मुकाबले बेहद आकर्षक है और बेहद विशाल निवेश की आवश्यकता है। काफी समय ते यह निवेश बरकरार रहेगा क्योंकि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कमी पूरी करनी है।
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