नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि निर्धारित नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों से निपटने के लिए वह अपनी दंडात्मक शक्तियों का उपयोग करे।
जेटली ने प्रवर्तन निदेशालय दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि लोग जब नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं, तब इससे बहुत लोगों का हित प्रभावित होता है। अपराधियों को पकड़ने में राजस्व विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की मुख्य भूमिका है। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार को अपने नागरिकों पर भरोसा है और वह उन्हें विदेशी विनिमय की अनुमति देती है।
जेटली ने कहा, ऐसे में वह नियमों के अनुपालन की उम्मीद करती है और गैर-अनुपालन की स्थिति में ईडी के पास दंडित करने की शक्ति है। जब भी उल्लंघन का पता चले, तब इस शक्ति का शीघ्रता से उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रवर्तन एजेंसी सख्ती से कानून लागू करेगी और राजकोष का राजस्व बढ़ाने में मदद करेगी। इससे पहले, इसी कार्यक्रम में, राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) में पंजीकृत करीब आठ-नौ लाख कंपनियां अपना सालाना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करती हैं और इसलिए ऐसा दिखाई पड़ता है कि वे धन शोधन के संभावित स्रोत हो सकती हैं। अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा स्थापित कार्य दल प्रत्येक पखवाड़े इस प्रकार की कंपनियों की निगरानी करता है।
अधिया ने कहा, करीब 15 लाख पंजीकृत कंपनियां हैं, जिसमें से आठ-नौ लाख कंपनियां अपना सालाना आयकर रिटर्न कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के साथ दाखिल नहीं करती हैं। ये कंपनियां धन-शोधन के मामले में खतरा बनी हुई हैं।
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