जल्द काम शुरू करेगा स्वदेशी शॉर्ट वीडियो ऐप जय भीम, दुबई में टीजर हुआ लॉन्च
भारत में इस समय मोज, जोश, टकाटक और चिंगारी जैसी स्वदेशी शॉर्ट वीडियो ऐप लोकप्रिय हैं। इसके बावजूद कई शॉर्ट वीडियो ऐप्स के लिए अभी काफी संभावनाएं हैं।
दुबई। भारत में टिकटॉक जैसे शॉर्ट वीडियो ऐप पर प्रतिबंध लगने के बाद स्वेदशी कंपनी ने जय भीप नाम से ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप युवाओं को शॉर्ट वीडियो बनाकर कमाई करने का मौका उपलब्ध कराएगा। दुबई में मिड—डे इंटरनेशनल आइकन अवार्ड में जय भीम ऐप का टीजर लॉन्च किया गया। गिरीश वानखेड़े ने इसको लॉन्च किया। इस शॉर्ट वीडियो ऐप की पहली झलक ने लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में कई बॉलीवुड हस्तियों ने शिरकत की।
ऐप के सीईओ एवं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के विशेषज्ञ गिरीष वानखेड़े का कहना है कि छोटे कस्बों के युवाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका नहीं मिलता है। यह शॉर्ट वीडियो ऐप उनको एक मंच प्रदान करेगा। इसके जरिए लोग अपने वीडियो से कमाई भी कर सकते हैं। इससे होने वाली कमाई का एक हिस्सा उन्हें दिया जाएगा। साथ ही यह युवाओं व अन्य उम्र के लोगों को अभिनय या मनोरंजन के अन्य क्षेत्र में अपना करियर बनाने में भी मदद करेगा।
भारत में इस समय मोज, जोश, टकाटक और चिंगारी जैसी स्वदेशी शॉर्ट वीडियो ऐप लोकप्रिय हैं। इसके बावजूद कई शॉर्ट वीडियो ऐप्स के लिए अभी काफी संभावनाएं हैं। अब बी और सी श्रेणी के कस्बों के युवाओं के बीच ये शॉर्ट वीडियो ऐप्स काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। इसके जरिए वे अपने हुनर को सबके सामने लाकर अपनी पहचान बना रहे हैं। जय भीम ऐप इसी दिशा में एक और कदम है। यह केवल मनोरंजन के लिए नहीं है बल्कि इसके जरिए कमाई भी की जा सकती है। ऐप निर्माताओं ने एंटरटेनमेंट से पैसा बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के मकसद से इसे बनाया है। गिरीष का कहना है कि उनके ऐप में वे सभी खूबियां हैं, जो अंतरराष्ट्रीय शॉर्ट वीडियो ऐप में होती हैं। उनके ऐप में क्रिएटिविटी और उद्यमिता का खास ध्यान रखा गया है। इतना ही इसमें सामाजिक शिक्षा का भी ध्यान रखा गया है।
उम्मीद है कि जय भीम ऐप का बीटा वर्जन एक हफ्ते में काम करने लगेगा। मनोरजंन और उद्यमिता को देखते हुए इसे ठीक से चलाने में कुछ समय लगेगा। उनका मानना है कि दिसंबर के अंत तक इसे पूरी तरह से विश्वस्तर पर लॉन्च कर दिया जाएगा। भारतीय संस्कृति और समानता को बढ़ावा देते हुए इस ऐप का मकसद ज्यादा से ज्यादा हुनरमंद लोगों तक पहुंचना, उनको सम्मानित व जागरूक करना और उनकी क्रिएटिविटी को विस्तार देना है। गिरीष ने कहा कि उनका उद्देश्य नई पीढ़ी की रचनात्मक ऊर्जा को एक मंच पर लाना है। इस तरह वह एक पुल का काम करेंगे तो युवाओं को उनकी प्रतिभा को बेहतर और रचनात्मक रूप में लाने के लिए प्रेरित करेंगे।