नई दिल्ली। देश में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण की गति बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रही है। इसके जरिए छह लाख करोड़ रुपए की 900 राजमार्ग परियोजनाओं के काम की निगरानी की जा रही है। यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने यहां परिवहन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी पर आयोजित समारोह में कहा, हमने बड़े पैमाने पर सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों के उपयोग का फैसला किया है। हम छह लाख करोड़ रुपए की 900 परियोजनाओं की निगरानी कर रहे हैं। हम प्रगति कर सकते हैं। निगरानी के जरिए हम दक्षता बढ़ा सकते हैं।
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मंत्री ने कहा कि सरकार 3.8 लाख करोड़ रुपए की 403 परियोजना में से ज्यादातर को शुरू करने में कामयाब रही है, जो मौजूदा राजग सरकार के सत्ता में आने के समय अटकी पड़ी थीं। गडकरी ने कहा, करीब 30,000 करोड़ रुपए की 21 परियोजनाओं से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं लेकिन हम जल्दी ही इनका समाधान कर लेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा सीमेंट तथा इस्पात उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल शुरू करने जैसी नवोन्मेषी पहलों से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 250 लाख टन सीमेंट सस्ती कीमत पर उपलब्ध हुआ है।
उन्होंने कहा कि देश भर में 380 प्लाजा पर ई-टोलिंग से समय और धन की बचत हुई है। आईआईएम कोलकाता के अध्ययन के मुताबिक टोल प्लाजा पर देरी के कारण सालाना 60,000 करोड़ रुपए का नुकसान होता है। गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई को बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जब सत्ता हासिल की तब राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई मुश्किल से 96 हजार किलोमीटर थी। देश में सभी तरह की सड़कों की कुल लंबाई 52 लाख किलोमीटर है।
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