नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय चाहता है कि व्हाट्सएप को पेमेंट सेवा शुरू करने की योजना के बजाय फर्जी खबरों को रोकने को प्राथमिकता देनी चाहिए। हाल के समय में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं (मॉब लिंचिंग) बढ़ने के मद्देनजर मंत्रालय फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने पर ध्यान दे रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सोमवार को आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी तथा व्हॉट्सएप के मुख्य परिचालन अधिकारी मैथ्यू इडेमा तथा अन्य शीर्ष कार्यकारियों की बैठक में व्हाट्सएप पेमेंट सेवा का मुद्दा उठा।
बैठक के दौरान फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी के अधिकारियों ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इन फर्जी संदेशों के प्रसार से देश में कई स्थानों पर भीड़ द्वारा व्यक्तियों की पीट कर हत्या की घटनाएं हुई हैं।
मंत्रालय का विचार था कि व्हाट्सएप को प्राथमिकता के आधार पर इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए और अपने प्लैटफार्म के दुरुपयोग को रोकने को और कदम उठाने चाहिए ताकि फर्जी संदेशों को प्रसार रोका जा सके।
इस मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा कि व्हाट्सएप से कहा गया है कि हालिया परिस्थितियों को देखते हुए अन्य योजनाओं की तुलना में फर्जी खबरों को रोकना अधिक महत्वपूर्ण है। इस बारे में व्हाट्सएप को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला।
अधिकारी ने कहा कि व्हॉट्सएप की पेमेंट सेवा को लेकर भी चिंता जताई गई। यह सवाल पूछा गया कि प्रयोगकर्ताओं के डाटा को कहां और कैसे रखा जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया निर्देश के अनुसार डाटा को देश में ही स्टोर करना अनिवार्य है।
भारत व्हाट्सएप के लिए सबसे बड़ा बाजार है। व्हाट्सएप के 1.3 अरब प्रयोगकर्ताओं में से 20 करोड़ भारत में हैं। अधिकारी ने हालांकि कहा कि मौजूदा चिंता के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई प्रौद्योगिकी और इनोवेशन को लाने का इच्छुक है।