आयकर विभाग ने 50 लाख पैन नंबर को आधार से जोड़ा, हिंद केबल्स को बंद करने पर एक महीने में फैसला
आयकर विभाग ने अपने 50 लाख से ज्यादा स्थायी खाता संख्या (पैन नंबर) को आधार डेटाबेस के साथ जोड़ लिया है।
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने अपने 50 लाख से ज्यादा स्थायी खाता संख्या (पैन नंबर) को आधार डेटाबेस के साथ जोड़ लिया है। आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पिछले साल इस महत्वाकांक्षी पहल को शुरू किया था जिसके तहत पैन और आधार के डेटाबेस को जोड़ा जाना था। इसका मकसद आयकर रिटर्न दाखिल करते समय करदाताओं को सुरक्षित एवं त्वरित इलैक्ट्रॉनिक सुविधा उपलब्ध कराना था साथ ही अन्य कर-संबंधी सेवाओं को मुहैया कराना था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पैन और आधार के बीच जुड़ाव की संख्या 50 लाख को पार कर गई और अब इनकी संख्या 50,57,016 है। विभाग इस संख्या को बढ़ाना चाहता है ताकि जल्द से जल्द करदाताओं को पूरी तरह इलैक्ट्रॉनिक सुविधाएं दी जा सकें।
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हिंद केबल्स को बंद करने पर एक महीने में फैसला करेगा मंत्रिमंडल
केंद्रीय मंत्रिमंडल बीमार इकाई हिंदुस्तान केबल्स को बंद करने के बारे में एक महीने में फैसला करेगा। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री अनंत गीते ने कहा कि इसके तहत कंपनी के 1,500 कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की जाएगी। गीते ने कहा, हम हिंदुस्तान केबल्स को बंद करने के बारे में वीआरएस, बकाया आदि पर व्यक्तिगत प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया में हैं। मंत्रिमंडल इसे संभवत: एक महीने में मंजूरी देगा। इससे पहले मंत्रिमंडल ने हिंदुस्तान केबल्स सहित सार्वजनिक क्षेत्र की सात बीमार इकाइयों को बंद करने की मंजूरी दी थी। इन इकाइयों को कुल नुकसान समय के साथ 3,139 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है।
हिंदुस्तान केबल्स की स्थापना 1952 में पश्चिम बंगाल के रूपनारायणपुर में हुई थी। इसकी विभिन्न राज्यों में इकाइयां हैं। हालांकि, कंपनी की पोलिथीन इन्सुलेटेड जेली फिल्ड (पीआईजेएफ) का उत्पादन करने वाली पश्चिम बंगाल और हैदराबाद की इकाइयों में जनवरी, 2003 से उत्पादन नहीं हो रहा है क्योंकि बीएसएनएल-एमटीएनएल को इन केबल्स की अब जरूरत नहीं है। इसी तरह कंपनी की इलाहाबाद की नैनी इकाई में उत्पादन बंद है।
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