मुंबई। बेनामी संपत्ति को लेकर सरकार किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। इस तरह की संपत्ति की पूरी जानकारी के लिए अब पिछले रिकॉर्ड खंगालने की तैयारी चल रही है। अंग्रेजी समाचार पत्र बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आयकर विभाग ने संपत्ति को पंजीकृत करने वाले सब रजिस्ट्रारों और तहसीलदारों से पिछले 10 साल के दौरान पंजीकृत हुई उन सभी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है जिनकी कीमत 1 करोड़ रुपए या इससे अधिक है।
मुंबई और इससे सटे उप शहरों में कुल 25 रजिस्ट्रार ऑफिस हैं, एक अनुमान के मुताबिक हर साल इन कार्यालयों में 45,000 से लेकर 50,000 तक की संपत्तियां रजिस्टर होती हैं। ऐसे मे आयकर विभाग यह जानना चाहता है कि कहीं रजिस्टर होने वाली संपत्तियां बेनामी तो नहीं हैं क्योंकि कालेधन को ठिकाने लगाने के लिए कालाधन रकने वाले ज्यादातर प्रॉपर्टी में ही निवेश करते हैं।
पूरी जानकारी लेने के बाद आयकर विभाग जांच करेगा कि जिसके नामपर संपत्ति है क्या असल में वहीं उसका खरीदार भी है। अगर आयकर विभाग को किसी संपत्ति और उसके मालिक को लेकर शक हुआ तो वह पूरे मामले की जांच कर सकता है। अगर बेनामी संपत्ति निकली है तो कानून के तहत आयकर विभाग इस मामले में कार्रवाई करेगा।
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