नई दिल्ली। इनकम टैक्स (IT ) डिपार्टमेंट ने देशभर में पेट्रोल पंप और LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स के यहां छापेमारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि नोटबंदी के दौरान लोगों की ब्लैकमनी को व्हाइट करने के शक में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह कार्रवाई कर रहा है। आपको बता दें कि कालेधन पर अंकुश के मकसद से 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का चलन बंद किए जाने की घोषणा के बाद भी पेट्रोल और रसोई गैस सिलेंडर खरीदने के लिए 3 दिसंबर 2016 तक इन नोटों के इस्तेमाल की इजाजत थी।
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आईटी डिपार्टमेंट कर रहा है कार्रवाई
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी एक्ट के सेक्शन 133A के तहत यह कार्रवाई हो रही है। इसके तहत पंप मालिकों की कैशबुक की छानबीन की जा रही है।
- आईटी अफसर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पंप मालिकों द्वारा बैंक खाते में जमा रकम उनके ब्रिकी रिकॉर्ड से मेल खाता है या नहीं
- हालांकि कुछ आयकर अधिकारी इस कार्रवाई को छापा नहीं, बल्कि रूटीन सर्वे बता रहे हैं।
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6 मार्च से ही पेट्रोल पंप पड़ रहे है छापे
- रिपोर्ट के मुताबिक, 6 मार्च से ही पेट्रोल पंप और रसोई गैस वितरकों के दफ्तर में ये छापे मारे जा रहे हैं और सेल व डिपॉजिट में इस अंतर का ब्यौरा मांगा है।
- वहीं, आयकर नोटिस पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
नोटबंदी में 15 फीसदी ज्यादा रकम जमा करने का शक
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सर्वे में यह बात सामने आई कि नोटबंदी के दौरान पेट्रोल पंपों ने औसत बिक्री से 15 फीसदी ज्यादा रकम बैंक खाते में जमा कराई।
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