चेन्नई| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को भारत के काटरेसैट-2 श्रृंखला और 19 अन्य उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए सोमवार सुबह उलटी गिनती शुरू कर दी। इसरो के अनुसार, बुधवार सुबह 9.25 बजे भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी) से इन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा। उपग्रहों का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित रॉकेट पोर्ट से किया जाएगा।
इस रॉकेट का मुख्य और सबसे वजनी हिस्सा पृथ्वी के अवलोकन से संबंधित 725.5 किलोग्राम का काटरेसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह है। अन्य 19 उपग्रहों में 560 किलोग्राम के अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय और पुणे के कॉलेड ऑफ इंजीनियरिंग के दो उपग्रह शामिल हैं। रॉकेट 1,288 किलोग्राम पेलोड के साथ दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा।
इस पूरे मिशन में तकरीबन 26 मिनट लगेंगे। काटरेसैट उपग्रह से भेजी जाने वाली तस्वीरें काटरेग्राफिक, शहरी, ग्रामीण, तटीय भूमि उपयोग, जल वितरण और अन्य अनुप्रयोगों के लिए मददगार होंगी। सत्यभामा विश्वविद्यालय का 1.5 किलोग्राम वजनी सत्याभामासैट उपग्रह ग्रीन हाउस गैसों के आंकड़े एकत्र करेगा। वहीं, पुणे का एक किलोग्राम का स्वायन उपग्रह हैम रेडियो कम्युनिटी को संदेश भेजेगा।
इसरो पहली बार इस मिशन के तहत एकल रॉकेट से 10 से अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है। साल 2008 में इसरो ने पीएसएलवी रॉकेट से 10 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे।
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