भारत ने 104 सैटेलाइट्स भेजकर रचा इतिहास, हुई 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई
ISRO ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च कर नया इतिहास बना दिया है। इन सैटेलाइट्स में भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह भी शामिल है।
Ankit Tyagi Feb 15, 2017, 12:41:00 IST
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च कर नया इतिहास बना दिया है। इन सैटेलाइट्स में भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह भी शामिल है। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से किया गया है। आपको बता दें कि किसी एक मिशन के तहत प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। माना जा रहा है कि ISRO को विदेशी सैटेलाइटों से करीब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी हुई है।
भारत ने रचा इतिहास
- एक अंतरिक्ष अभियान में इससे पहले इतने उपग्रह एक साथ नहीं छोड़े गए हैं।
- इसरो का अपना रिकॉर्ड एक अभियान में 20 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का है।
- इसरो ने ये कारनामा 2016 में किया था इससे पहले अब तक किसी एक अभियान में सबसे ज़्यादा उपग्रह भेजने का विश्व रिकॉर्ड रूस के नाम था, जिसने 2014 में एक अभियान में 37 उपग्रहों को भेजने का काम किया था।
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हुई 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी
- इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने इस पूरे अभियान पर होने वाले खर्च का ब्यौरा तो नहीं बताया लेकिन ये स्पष्ट किया कि मिशन का आधा खर्च विदेशी सैटेलाइटों को भेजने से आ रहा है हालांकि अनुमान है कि इसरो को विदेशी सैटेलाइटों से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी हुई है।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये महज रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है, बल्कि ये भारतीय अंतरिक्ष अभियान के साथ इसरो का कामर्शियल पहल भी है। मुश्किल काम है इसलिए दुनिया भर की नज़र इस पर टिकी है।
गूगल और एयरबस के सैटेलाइट्स को किया लॉन्च
- जिन देशों के सैटेलाइट्स को इसरो ने लांच किया है, उनमें अमरीका और इसराइली सैटेलाइट भी शामिल हैं, जो ये बता रहे हैं कि सैटेलाइट प्रक्षेपण के बाज़ार में भारत बड़ी तेजी से अपनी जगह बना रहा है।
- आपको बता दें कि पिछले कुछ साल में भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बाज़ार में भरोसेमंद प्लेयर बनकर उभरा है।
- बीते कुछ सालों में भारत ने दुनिया के 21 देशों के 79 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है, जिसमें गूगल और एयरबस जैसी बड़ी कंपनियों के सैटेलाइट शामिल रहे हैं।
चीन से मिल रही है कड़ी टक्कर
- भारत में उपलब्ध सस्ता श्रम के अलावा कम लागत की वजह इसरो का सरकारी तंत्र होना भी है हालांकि भारत को इस सस्ते बाजार में भी चीन से होड़ लेनी पड़ रही है, क्योंकि चीन भी सस्ते दर पर अंतरिक्ष में उपग्रहों को भेजने के लिए बड़ा बाजार है।
- एक्सपर्ट कहते है कि भारत इस बाजार में चीन को तभी चुनौती दे पाएगा जब वह बड़े बड़े सैटेलाइटों को प्रक्षेपित करेगा।
- अंतरिक्ष के कार्मिशयल लांचर का जो बाजार है उसमें छोटे सैटेलाइट का हिस्सा बहुत कम है, बड़े सैटेलाइट को भेजने से ज्यादा पैसा आता है।