नई दिल्ली। अगले शुगर सीजन चीनी का उत्पादन मौजूदा सीजन के स्तरों के करीब ही रह सकता है। चीनी उत्पादकों के संगठन इस्मा ने आज अपना अनुमान जारी किया है। अनुमानों के अनुसार 2021-22 शुगर सीजन में चीनी का उत्पादन 310 लाख टन संभव है जो कि मौजूदा सीजन के उत्पादन के करीब ही है। साथ ही जून के अंत में ली गयी सेटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक 2021-22 के शुगर सीजन में गन्ने की बुवाई का क्षेत्रफल 54.55 लाख हेक्टेयर रह सकता है, जो कि मौजूदा शुगर सीजन के 52.88 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 3 प्रतिशत ज्यादा होगा।
इस्मा के मुताबिक आज हुई इस बैठक में देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए और गन्ना बुवाई क्षेत्रों की सेटेलाइट तस्वीरों से लेकर मॉनसून की रफ्तार और जलाशयों में पानी की स्थिति जैसी कई बातों पर विचार कर ये अनुमान निकाले गये हैं। इस्मा के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुवाई का क्षेत्र 2020-21 शुगर सीजन के 23.07 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2021-22 शुगर सीजन में 23.12 लाख हेक्टयर रहने का अनुमान है। वहीं प्रदेश में चीन का उत्पादन 119.27 लाख टन संभव है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में गन्ने का क्षेत्र 11 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 शुगर सीजन में 12.75 लाख हेक्येटर रह सकता है। इसके साथ ही कर्नाटक में भी गन्ने का क्षेत्र में बढ़त का अनुमान है।
इस्मा के मुताबिक 2020-21 शुगर सीजन में अब तक करीब 307 लाख टन चीन का उत्पादन हो चुका है। वहीं सितंबर 2021 तक विशेष सत्र में 2 लाख टन चीनी का और उत्पादन संभव है। जिसके साथ मौजूदा शुगर सीजन में कुल 309 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकता है। इसके साथ ही 5 जुलाई तक 230 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हो चुका है जो कि 21 लाख टन चीनी के उत्पादन के बराबर है। इस सीजन के लिये 333 करोड़ लीटर एथेनॉल के लिये कॉन्ट्रैक्ट हुआ है।
एस्मा के मुताबिक अगले सीजन में 10 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करना है, जिससे करीब 450 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी, जो की मौजूदा सीजन के मुकाबले 117 करोड़ लीटर ज्यादा है। एस्मा के मुताबिक इसका मतलब 13 लाख टन चीनी को तैयार करने लायक उत्पाद का इस्तेमाल एथेनॉल बनाने में इस्तेमाल होगा।
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