मांग और लागत बढऩे के कारण बढ़ रहे हैं लौह अयस्क के दाम
लौह अयस्क की कीमतों में बढ़ोतरी की दो प्राथमिक वजहें हैं। पहला, मांग और आपूर्ति में अंतर है। देश में आपूर्ति की तुलना में मांग ज्यादा है, मांग बढ़ी हुई है
भारत के इस्पात उद्योग को लौह अयस्क के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। यह इस्पात निर्माताओं के लिए प्रमुख कच्चे माल में से एक है। पिछले एक साल में लौह अयस्क की कीमतों में 120 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जिससे स्टील विनिर्माताओं के ऊपर बहुत ज्यादा दबाव है और उन्हें स्टील के दाम बढ़ाने पर बाध्य होना पड़ रहा है। वहीं स्टील का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
पिछले 6 से 8 महीनों के बीच स्टील के दाम में 45-50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और स्टील निर्माताओं को लगता है कि स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी निकट भविष्य में जारी रहेगी। कम से कम यह तेजी अगली दो तिमाहियों तक बने रहने की संभावना है।
लौह अयस्क की कीमतों में बढ़ोतरी की दो प्राथमिक वजहें हैं। पहला, मांग और आपूर्ति में अंतर है। देश में आपूर्ति की तुलना में मांग ज्यादा है, मांग बढ़ी हुई है और स्टील निर्माताओं के पास पर्याप्त लौह अयस्क उपलब्ध नहीं है।
दूसरी वजह यह है कि उत्पादन की लागत बढ़ी है। इसे लागत का दबाव कहा जाता है। खनन की लागत में कोई बदलाव नहीं हुआ है इसलिए लौह अयस्क की लागत में बढ़ोतरी दूर की कौड़ी है। वहीं दूसरी तरफ मांग आपूर्ति के बीच अंतर उल्लेखनीय है और निस्संदेह इसकी वजह से कीमतें बढ़ रही हैं।
लौह अयस्क के दाम 2020 में
(कीमतें रुपये में)
वस्तु, विवरण | साइज, ग्रेड | 15 मार्च | 15 नवंबर | प्रतिशत (%) |
लंप्स, उड़ीशा इंडेक्स | 5-18 मिमी, लोहा (Fe) 63% | 4,600 | 8,400 | 83 |
फाइन्स, उड़ीशा इंडेक्स | 0-10 मिमी, लोहा (Fe) 63% | 2,250 | 6,500 | 189 |
फाइन्स, एनएमडीसी, छत्तीसगढ़ | 0 -10 मिमी, लोहा (Fe)64% | 2,860 | 4,610 | 61 |
पेलेट इंडेक्स, डीएपी-रायपुर | 6-20 मिमी, लोहा (Fe) 64/63% | 6,475 | 11,700 | 81 |
स्रोत: स्टीलमिंट, आईएसए
इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) के डिप्टी सेक्रेट्री और अर्थशास्त्री अर्णव हाजरा कहते हैं, 'पिछले 8 महीने के दौरान लौह अयस्क की कीमतें असामान्य रूप से बढ़ी हैं। यहां तक कि सरकारी कंपनी एनएमडीसी ने कीमतों में 61 प्रतिशत बढ़ोतरी की है। कोविड-19 के पहले की कीमतों से तुलना हो रही है, इसलिए कीमतों में अंतर सिर्फ खनन व्यापारियों के अप्रत्याशित लाभ में ही दिख रहा है। घरेलू बाजार में उपलब्धता में भारी कमी की वजह से ऐसा हो रहा है। कमोबेश लोहे के अंतरराष्ट्रीय दाम रिकॉर्ड स्तर पर बने हुए हैं, जिसकी वजह चीन से लौह अयस्क की भारी असंतोषजनक मांग है और इसकी वजह से उच्च कीमतों को समर्थन मिला है, क्योंकि खनन कारोबारियों ने अपने उत्पादन का एक तिहाई से ज्यादा निर्यात किया है और प्राथमिक रूप से इसे चीन भेजा गया है।
बहरहाल इस पर निश्चित रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत लौह अयस्क का बड़ा निर्यातक नहीं है, क्योंकि यहां 58 प्रतिशत या उच्च गुणवत्ता के लौह अयस्क पर 30 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगता है। लेकिन साफ है कि भारत से 2020 में लौह अयस्क का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह संपूर्ण आंकड़ों के साथ उत्पादन के प्रतिशत के रूप में भी नजर आ रहा है। दरअसल 2020 के पहले 10 महीने में लौह अयस्क का निर्यात 2019 में पूरे साल के दौरान हुए निर्यात की तुलना में 54 प्रतिशत ज्यादा रहा है।
चीन को निर्यात ज्यादा हुआ है, जबकि जापान को भी आंशिक निर्यात हुआ है, जिसके साथ भारत का दीर्घावधि समझौता है। लेकिन अभी हम भारत में लौह अयस्क की उपलब्धता के हिसाब से अप्रत्याशित स्थिति का सामना कर रहे हैं, ऐसे में स्थिति सामान्य होने तक कुछ महीनों के लिए निर्यात में अस्थायी विराम की जरूरत है।
पिछले 4 कैलेंडर वर्षों और चालू साल के पहले 10 महीनों में निर्यात की स्थिति
(आंकड़े मिलियन टन में)
वर्ष | भारत से लौह अयस्क निर्यात |
2016 | 23.85 |
2017 | 29.59 |
2018 | 18.88 |
2019 | 32.16 |
2020 (शुरू के 10 महीने) | 49.38 |
स्रोत: स्टीलमिंट और आईएसए
2020 के पहले 6 महीने में 2019 की तुलना में लौह अयस्क के उत्पादन में 31.8 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है और इसलिए उपलब्धता भी कम रही है। सभी लौह अयस्क उत्पादक राज्यों में लौह अयस्क का उत्पादन कम रहा है, वहीं उड़ीशा में उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जहां भारत के कुल लौह अयस्क के उत्पादन का 50 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन होता है। 2019-20 में भारत ने 245 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्पादन किया, जिसमें उड़ीशा की हिस्सेदारी 145 मिलियन टन रही है। इस तरह से भारत के कुल लौह अयस्क उत्पादन में ओडिशा की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रही है। इसलिए उड़ीशा में लौह अयस्क के उत्पादन में भारी गिरावट, देश में लौह अयस्क की भारी किल्लत की प्राथमिक वजह है।
2019 की तुलना में 2020 के पहले 5 महीनों के दौरान उड़ीशा में उत्पादन में 27.86 मिलियन टन या 43 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है। इस वित्त वर्ष में कुल मिलाकर लौह अयस्क की कमी 28.56 मिलियन टन रही है।
झारखंड, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य लौह अयस्क उत्पादक राज्यों में उत्पादन 2019 और 2020 के बीच गिरा है। उड़ीशा के बाद सबसे ज्यादा गिरावट छत्तीसगढ़ में आई है, जहां लौह अयस्क का उत्पादन करीब 19 प्रतिशत कम हुआ है।
सभी राज्यों में लौह अयस्क के उत्पादन में कमी की प्रमुख वजह महामारी रही, जिसकी वजह से देशव्यापी लॉकडाउन लगाना पड़ा। इससे सामान्य उत्पादन प्रभावित हुआ। इस दौरान श्रमिकों की उपलब्धता भी प्रभावित हुई और सामान्य खनन गतिविधियां बहाल करने पर असर पड़ा।
राज्यों से लौह अयस्क का उत्पादन
(आंकड़े मिलियन टन (एमटी) में)
पहली छमाही | उड़ीशा | कर्नाटक | छत्तीसगढ़ | झारखंड | अन्य | कुल |
अप्रै-सितं 2019 | 64.68 | 15.06 | 14.66 | 12.3 | 3.41 | 110 |
अप्रै-सितं 2020 | 36.82 | 13.96 | 11.94 | 10.7 | 1.95 | 75 |
% बदलाव | 43.1% | 7.3% | 18.6% | 13.0% | 42.8% | 31.8% |
स्रोत: स्टील मिन्ट और आईएसए
ओडिशा की खदानों में मुख्य समस्या यह रही कि 2020 में नीलाम हुई 19 खदानों को खनन पट्टे पर दिए जाने और राज्य के साथ माइन डेवलपमेंट ऐंड प्रोडक्शन एग्रीमेंट (एमडीपीए) के बाद सिर्फ 5 खदानों में परिचालन शुरू हो पाया। सिर्फ उन लौह अयस्क ब्लॉकों में ही उत्पादन बहाल किया जा सका, जिन्हें राज्य सरकार ने नीलामी के समय निजी उपभोग के लिए आरक्षित कर रखा था और देश के स्टील उत्पादक एकीकृत विनिर्माण केंद्र के साथ जुड़े हुए थे।
ऐसे में आपूर्ति की कमी, खासकर कारोबारी खननकर्ता के छोर पर, साफ तौर पर नजर आती है और छोटे स्टील उत्पादक इस कमी की वजह से बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसकी वजह से कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है क्योंकि मांग भी तुलनात्मक रूप से तेज बनी हुई है।
सरकार को लौह अयस्क के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। साथ में ओडिशा में नीलामी में मिली सभी खदानों में उत्पादन शुरू कर देने की जरूरत है। तभी लौह अयस्क के दाम पर नियंत्रण किया जा सकता है। इससे तैयार स्टील की कीमत का लाभ न सिर्फ विनिर्माताओं को मिलेगा, बल्कि स्टील का इस्तेमाल करने वाले सभी उद्योग इसका लाभ उठा सकेंगे।
अरिंदम मुखर्जी
(लेखक पूर्व संपादक हैं और स्टील और धातुओं पर लिखते हैं)
यह भी पढ़ें: कोविड-19 पॉजिटिव होने पर मिलेगी 20000 रुपये की आर्थिक मदद, जानिए कैसे
यह भी पढ़ें:कोविड संकट: PF खाताधारकों के लिये बड़ी खबर, पैसा निकालने के लिये सरकार ने दी एक और राहत
यह भी पढ़ें:मोदी सरकार ने की कर्मचारियों के लिए घोषणा, EPFO व ESIC स्कीम के तहत मिलेंगे अब अतिरिक्त लाभ
यह भी पढ़ें: Covid 19 मरीजों के लिए बड़ी खबर, इलाज के लिए मिलेंगे 5 लाख रुपये