नई दिल्ली। रेल मंत्रालय के दो उपक्रम भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) और इरकॉन अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) सितंबर तक पेश कर सकती हैं। इसके माध्यम से दोनों का कुल 1,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस मामले में इरकॉन पहले ही बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आवेदन कर चुकी है। वहीं आईआरएफसी भी जल्द ही आईपीओ की मंजूरी के लिए अपना प्रस्ताव सेबी के पास जमा करा सकती है।
पिछले महीने रेल मंत्रालय के अन्य उपक्रम राइट्स लिमिटेड को 67 गुना अधिक अभिदान मिला था और कंपनी का शेयर, शेयर बाजार में तीन प्रतिशत के प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध हुआ था। इसके बाद से सरकार इन दोनों उपक्रमों का आईपीओ लाने को लेकर उत्साहित है। अधिकारी ने कहा कि हम अगस्त-सितंबर में इरकॉन और आईआरएफसी का आईपीओ लाने की योजना पर काम कर रहे हैं। कंपनियां अपनी ऑडिट रिपोर्ट को इस माह के अंत तक पूरा कर लेंगी।
सरकार की योजना इरकॉन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 99 लाख से ज्यादा शेयर बेचकर 500 करोड़ रुपए जुटाने की है। इसके अलावा आईआरएफसी के आईपीओ से उसका लक्ष्य 1,000 करोड़ रुपए जुटाने का है। इसके अलावा मंत्रालय के एक और उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को सरकार की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की अनुमति मिल गई है।
रेलवे के अलावा आईपीओ लाने का आवेदन करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों में भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स शामिल हैं।
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