नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) यमुना एक्स्प्रेसवे को जानलेवा हादसों से मुक्त कर 'फॉरगिविंग रोड' बनाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। 'फॉरगिविंग रोड' का आशय नवोन्मेषी तकनीकों के इस्तेमाल से किसी सड़क पर होने वाले हादसों को कम-से-कम करने से है। आईआरएफ की भारतीय इकाई ने एक बयान में कहा कि वह भारत में सड़कों के किनारे सुरक्षित गलियारे भी विकसित करेगा।
संस्था के मानद अध्यक्ष के के कपिला ने कहा कि भारत के सात राज्यों में मौजूद सात दुर्घटना-बहुल सड़कें इस अभियान के लिए चिह्नित की गई हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, केरल एवं कर्नाटक शामिल हैं। इस पहल के जरिये राजमार्गों के इन दुर्घटना-बहुल हिस्सों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर फॉरगिविंग रोड के रूप में तब्दील करने की कोशिश की जाएगी।
आईआरएफ के मुताबिक, ऐसा होने पर इन राजमार्ग खंडों पर होने वाले हादसों में कमी आने के साथ ही उनमें होने वाली मौतों का आंकड़ा भी करीब शून्य तक लाया जा सकेगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजमार्गों के प्रभावित खंडों में सड़क सुरक्षा के कई सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे। इसमें सड़कों की इंजीनियरिंग, शिक्षा, नियमों का प्रवर्तन एवं आपात देखभाल पर जोर दिया जाएगा।
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