मुंबई। बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने गुरुवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष में थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम में वृद्धि अवश्य होनी चाहिए। सेवा प्रदाता की स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए ऐसा करना होगा।
इरडा के चेयरमैन टी.एस. विजयन ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा,
इस बारे में हमने एक मसौदा पहले ही तैयार कर लिया है जिसपर हम सभी संबद्ध पक्षों से उनकी राय मांग रहे हैं। थर्ड पार्टी मोटर प्रीमियम में वृद्धि अब अवश्यंभावी लग रही है। बहरहाल, इसमें वृद्धि अब इस बात पर निर्भर करती है कि हमें सभी संबद्ध पक्षों से किस प्रकार की प्रतिक्रिया मिलती है।
- विजयन ने थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम में वृद्धि की वकालत करते हुए कहा कि बीमा क्षेत्र में एकत्रित होने वाली राशि और दावों की राशि में बदलाव होता रहता है।
- इस मामले में यदि मुआवजा निर्धारित रहता है तो मौजूदा प्रीमियम सुरक्षित है लेकिन तीसरे पक्ष के प्रीमियम में यह बात ऐसी नहीं है, इसलिए इसे बढ़ाने की जरूरत है।
- विजयन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि घरेलू पुनर्बीमा कंपनी होने के नाते आईटीआई-रि बाध्यकारी उपकर की पात्र है।
- कंपनी को यह सुविधा पाने के लिए केवल अपनी वित्तीय मजबूती दिखानी होगी।
- बाध्यकारी उपकर प्रीमियम का वह हिस्सा है, जो कि साधारण बीमा कंपनियों को पुनर्बीमा कंपनियों को अनिवार्य रूप से देना होता है।
- वर्तमान में यह राशि कुछ साल पहले की 20 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत है।
- आईटीआई-रि एक मात्र घरेलू आवेदक है जिसे इरडा ने देश में इस क्षेत्र में काम करने के लिए अंतिम मंजूरी दी है।
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