नई दिल्ली। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (आरएचआईसीएल) को नई बीमा पॉलिसी बेचने से रोक दिया है। प्राधिकरण ने कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है।
नियामक ने रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को अपनी पूरी वित्तीय संपत्तियों समेत मौजूदा बीमा देनदारियां रिलांयस जनरल इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया है। मौजूदा बीमा धारकों के दावों का निपटान अब रिलांयस जनरल इंश्योरेंस ही करेगी। नियामक ने एक आदेश में कहा है कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस की वित्तीय स्थिति दावों के भुगतान समेत अन्य देनदारियों के लिहाज से प्रावधानों के अनुकूल नहीं हैं। अत: ऐसे हालात में उसे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बीमा पॉलिसी बेचने देना बीमाधारकों के हित में नहीं है।
इरडा ने अपने आदेश में कहा कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस 15 नवंबर से बीमा बेचना बंद कर देगी और इसे अपनी वेबसाइट तथा सभी शाखाओं में स्पष्टता के साथ प्रदर्शित करेगी। नियामक ने आरएचआईसीएल को अपनी संपत्तियों को इरटा की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना बेचने से भी रोक दिया है। कंपनी से आरएचआईसीएल की संपत्ति और देनदारियों को जनरल इंश्योरेंस बिजनेस से अलग रखने का भी निर्देश इरडा ने दिया है।
इरडा ने पिछले साल अक्टूबर में आरएचआईसीएल को हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार के लिए रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट जारी किया किया था। आरएचआईसीएल ने 30 जून को समाप्त तिमाही में 106 प्रतिशत का सॉल्वेंसी रेश्यो दर्शाया था। यह सॉल्वेंसी नियंत्रण स्तर 150 प्रतिशत से काफी कम था।
(स्रोत: पीटीआई)
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