नई दिल्ली। इरडा ने जीवन बीमा कंपनियों से चक्रवात ताउते और यास से प्रभावित सभी राज्यों में जीवन बीमा दावों के निपटान में तेजी लाने को कहा है। साधारण और केवल स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनियों से प्रभावित पालिसीधारकों की कठिनाई कम करने के लिये उनके दावों का समुचित और तेजी से निपटान करने को कहा गया है। विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात ताउते और यास के कारण जान-माल को काफी नुकसान हुआ है। चक्रवातों से मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के जिले प्रभावित हुए हैं। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक परिपत्र में जीवन बीमा कंपनियों से सभी दावों के पंजीकरण और पात्र दावों के तुरंत निपटान सुनिश्चित करने के लिये तत्काल कदम उठाने को कहा है। परिपत्र के अनुसार प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत दावों पर भी बीमा कंपनियों को विशेष ध्यान देने को कहा गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए जहां कहीं संभव हो वहां सामान्य आवश्यकताओं में छूट सहित एक उपयुक्त सरलीकृत प्रक्रिया पर विचार किया जा सकता है।’’
इरडा के अनुसार मृत्यु से संबंधित दावों के संबंध में, जहां शव न होने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो, 2015 में चेन्नई बाढ़ के मामले में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर विचार किया जा सकता है। बीमा कंपनियों को प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समन्वय के लिये एक वरिष्ठ स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करने और रिपोर्ट किए गए सभी दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए कहा गया है। साधारण बीमा कंपनियों के मामले में इरडा ने अलग से परिपत्र जारी कर कहा है, ‘‘यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी दावों का तुरंत सर्वेक्षण किया जाए और दावा भुगतान जल्द से जल्द वितरित किया जाए। किसी भी मामले में निपटान निर्धारित समय सीमा के भीतर हो।’’ भारत के तटों से हाल ही टकराये तूफानों से जान और माल की काफी क्षति पहुंची है।
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