नई दिल्ली। तत्काल टिकट बुकिंग से भारतीय रेलवे को कितनी कमाई होती है यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून से पता चला है कि तत्काल टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से रेलवे ने पिछले चार साल में 25,392 करोड़ रुपये की कमाई की है। रेलवे ने साल 2016 से 2019 के बीच तत्काल टिकट बेचकर 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की है और तत्काल प्रीमियम टिकट के जरिए अतिरिक्त 3,862 करोड़ रुपये कमाए हैं। इससे राजस्व में इस अवधि के दौरान 62 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मध्य प्रदेश के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौर ने यह जानकारी मांगी थी।
30 फीसदी अधिक लगता है चार्ज
तत्काल टिकट बुकिंग सेवा साल 1997 में चुनिंदा ट्रेनों में शुरू की गई थी। इसका मकसद अचानक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा मुहैया कराना था। लेकिन 2004 में तत्काल टिकट बुकिंग सेवा का विस्तार पूरे देश में किया गया। तत्काल टिकट के तहत द्वितीय श्रेणी के लिए मूल किराये से 10 फीसद अतिरिक्त वसूला जाता है जबकि बाकी अन्य सभी श्रेणियों में यह राशि मूल किराये की 30 फीसदी है। हालांकि, इस शुल्क में भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है।
2014 में शुरू हुई थी प्रीमियम तत्काल सेवा
वहीं कुछ खास ट्रेनों के लिए साल 2014 में प्रीमियम तत्काल सेवा शुरू की गई थी। प्रीमियम वर्जन में डायनामिक फेयर सिस्टम (सीट उपलब्धता के आधार पर कीमत) के तहत 50 प्रतिशत तत्काल टिकट बेचे जाते हैं। आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर की ओर से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी पर रेलवे ने बताया कि साल 2016-2017 में तत्काल टिकट से 6,672 करोड़ रुपये की कमाई हुई और अगले साल यह बढ़कर 6,915 करोड़ रुपये हो गई।
साल 2017-18 में तत्काल कोटा से भारतीय रेलवे की कमाई 6,952 पहुंच गई थी। तत्काल प्रीमियम कोटा टिकटों के मामले में रेलवे की कमाई 2016-2017 के मुकाबले 2018-19 में 62 फीसदी बढ़कर 1608 करोड़ रुपये हो गई। साल 2016-17 में कमाई 1,263 करोड़ और 2017-18 में 991 करोड़ थी। रेलवे के मुताबिक तत्काल स्कीम के तहत फिलहाल 2,677 ट्रेन हैं। आंकड़ों के मुताबिक तत्काल स्कीम के तहत 11.57 लाख सीटों में 1.71 लाख सीटों पर बुकिंग तत्काल कोटे के तहत होती है।
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