दिसंबर 2015 में संशोधित फॉर्मूला के मुताबिक भारत की पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड कंपनी कतर से प्रति इकाई एमएमबीटीयू सात डॉलर से कुछ अधिक दर से गैस खरीदती है। कंपनी ने कतर से सालाना 75 लाख टन एलएनजी खरीदती है। विश्व बाजार में गैस के दाम 2.3 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तक आ गय हैं। इस तरह ईरान द्वारा ओवीएल से मांगा जा रहा दाम तीन गुणा है। इस समूचे घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वैश्विक बाजार में दाम बढ़ने की सूरत में ओवीएल 4.3 डालर प्रति एमएमबीटीयू का दाम देने को तैयार है। जब दाम बढ़ते हैं तो कतर से खरीदी जाने वाली एलएनजी का दाम भी बढ़ता है।
सूत्रों के अनुसार पश्चिमी देशों द्वारा लगाये गये प्रतिबंध उठ जाने के बाद ईरान इस मामले में लगातार कठोर रवैया अपनाये हुए है। जिस क्षेत्र में ओवीएल ने खुद खोज की है उसी को लेकर अब ईरान कठोर रवैया अपना रहा है। ओवीएल ने हाल ही में फर्जाद-बी क्षेत्र से तेल-गैस उत्पादन शुरू करने के लिये 5.5 अरब डॉलर की वृहद विकास योजना सौंपी है। यह भी पढ़ें: 22 साल के इस लड़के ने 700 रुपए में दुनिया को साइबर हमले से बचाया
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