मुंबई। जेट एयरवेज की ओर से भुगतान करने का भरोसा मिलने के बाद इंडियन ऑयल ने विमान ईंधन की आपूर्ति दोबारा से शुरू कर दी है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे से संकटग्रस्त एयरलाइन जेट एयरवेज को ईंधन की आपूर्ति रोक दी थी। कंपनी ने ये कदम जेट एयरवेज द्वारा ईंधन का भुगतान न करने के कारण उठाया था।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाला बैंकों का गठजोड़ ऋण पुनर्गठन योजना के तहत जेट एयरवेज के प्रबंधन का नियंत्रण अपने हाथ में लेने जा रहा है। एयरलाइन ने 26 विमानों के बेड़े के साथ अपनी उड़ानों की संख्या में भारी कटौती की है।
जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने 25 मार्च को एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ की निपटान योजना को मंजूरी दी थी, जिसके तहत बैंकों ने एयरलाइन में 1,500 करोड़ रुपए की आपात राशि उपलब्ध कराने की बात कही थी। हालांकि, अभी तक एयरलाइन को यह राशि नहीं मिली है।
कर्जदाता अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए 6 अप्रैल को मंगाएंगे बोली
संकट में फंसी जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने कहा कि वे एयरलाइन में हिस्सेदारी बिक्री के लिए छह अप्रैल को बोली आमंत्रित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हिस्सेदारी बिक्री का स्वीकार्य परिणाम नहीं आता है तो स्टेट बैंक की अगुवाई वाले वित्तीय संस्थानों का समूह अन्य विकल्पों पर विचार करेगा।
कर्जदाताओं के समूह ने नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया और कहा कि वे मौजूदा कानूनी तथा नियामकीय रूपरेखा के तहत समयबद्ध तरीके से समाधान योजना को आगे बढ़ाएंगे। जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और उसके 30 से कम विमान फिलहाल परिचालन में हैं।
कुल 26 कर्जदाताओं की तरफ से एसबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बोली छह अप्रैल को आमंत्रित की जाएगी और उसे जमा करने की अंतिम तिथि नौ अप्रैल होगी। वित्तीय संस्थानों का जेट एयरवेज के ऊपर 8,000 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है।
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