वडोदरा। भारतीय तेल निगम (आईओसी) के स्वामित्व वाली गुजरात रिफाइनरी जनवरी से भारत चरण (बीएस)-4 मानकों वाला डीजल की आपूर्ति शुरू करेगी। आईओसी के कार्यकारी निदेशक एस के धर गुप्ता ने कहा, बीएस-4 मानकों वाला ईंधन उत्पादन करने के लिये आईओसी डीजल शोधन और हाइड्रो शोधन इकाइयों का पुनरूद्धार करने के लिए 1,800 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। उन्होंने कहा, निवेश गुणवत्ता उन्नयन अभियान का हिस्सा है जो केंद्र सरकार की वाहन ईंधन नीति के तहत उत्सर्जन मानकों के लिए शुरू किया गया है। गुप्ता ने कहा कि इस उन्नयन कार्यक्रम से शहर के बाहरी भाग में कोयली गांव में स्थित रिफाइनरी 100 प्रतिशत बीएस-4 मानकों वाला डीजल एवं पेट्रोल की आपूर्ति कर सकेगी।
देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी पर आएगी 30 अरब डॉलर की लागत
देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी पर 30 अरब डॉलर (दो लाख करोड़ रुपए) की लागत आएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) और ईआईएल की योजना इस रिफाइनरी का निर्माण पश्चिमी तट पर करने की है। आईओसी के निदेशक (रिफाइनरी) संजीव सिंह ने कहा, दो चरणों में 6 करोड़ टन सालाना की रिफाइनरी और विशाल पेट्रोरसायन परिसर स्थापित किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि पहला चरण 4 करोड़ टन का होगा। इसमें एरोमैटिक परिसर, नाफ्था क्रैकर और पालिमर परिसर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण पर 1.2 से 1.5 लाख करोड़ रुपए की लागत आएगी। भूमि अधिग्रहण की तारीख से इसे 5-6 साल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस विशाल परिसर के लिए 12,000 से 15,000 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। महाराष्ट्र तट पर इसके लिए दो-तीन साइटों को देखा जा रहा है। सिंह ने कहा कि दूसरे चरण में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
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