मुंबई। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मोर्गन स्टैनली का मानना है कि शेयरों में दीर्घकालिक निवेश से होने वाले लाभ पर टैक्स (एलटीसीजी) फिर शुरू किए जाने से जीवन बीमा उत्पादों विशेषकर यूलिप जैसी योजनाएं काफी आकर्षक हो गई हैं।
वित्त मंत्री ने शेयरों में निवेश पर एक लाख रुपए से अधिक के वार्षिक दीर्घ कालिक लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव अपने बजट भाषण में किया है। इसकी गणना 31 जनवरी 2018 के बाद के लाभ के आधार पर होगी। बजट में शेयरों में निवेश वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं पर भी इसी दर से लाभांश वितरण कर लगाया गया है।
मोर्गन स्टैनली ने अपने एक साप्ताहिक नोट में कहा है कि इस संदर्भ में हमारा मानना है कि मध्यम और दीर्घकालिक निवेश की दृष्टि से जीवन बीमा योजनाएं आकर्षक लगने लग सकती हैं, जिसमें खास कर यूनिट-लिंक्ड बीमा योजनाएं प्रमुख हैं। गौरतलब है कि आयकर की धारा 10डी के तहत बीमा निवेश को आय कर मुक्त रखा गया है।
उसका कहना है कि हम बजट की स्पष्ट तस्वीर सामने आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन यदि जो चीजें सामने आईं हैं वह सही हैं तो इसका लाभ निजी क्षेत्र की कंपनियों आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ और एचडीएफसी लाइफ जैसी कंपनियों को मिल सकता है।
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