नयी दिल्ली: भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश जनवरी के अंत तक मामूली घटकर 84,976 करोड़ रुपये रह गया। इससे पिछले महीने यह 31 माह के उच्चस्तर पर पहुंचा था। दिसंबर के अंत तक भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिये निवेश 87,132 करोड़ रुपये पर पहुंचा था, जो इसका 31 माह का उच्चस्तर है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के भारतीय बाजार के प्रति रुख का पता चलता है।
पी-नोट्स पंजीकृत एफपीआई द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं, जो बिना पंजीकरण के भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें पूरी जांच-परख की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कोरोना वायरस संकट के बीच पिछले साल मार्च में पी-नोट्स के जरिये निवेश 48,006 करोड़ रुपये के करीब 15 साल के निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, उसके बाद अगस्त तक लगातार पांच माह तक यह बढ़ा था। अगस्त में यह 74,027 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। सितंबर में यह घटकर 69,821 करोड़ रुपये पर आ गया था। उसके बाद फिर इसमें बढ़ोतरी हुई। हालांकि, जनवरी में पी-नोट्स के जरिये निवेश में मामूली गिरावट आई है।
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