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Gold Loses Sheen: ज्वैलरी के लिए बढ़ी सोने की डिमांड, निवेश के लिए नहीं आकर्षक

बीते तीन वर्षों से लगातार नकारात्मक निवेश सिद्द होने के बाद निवेश के लिहाज से Gold अब निवेशकों को नहीं भा रहा है।

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नई दिल्ली। बीते तीन वर्षों से लगातार नकारात्मक निवेश सिद्द होने के बाद निवेश के लिहाज से Gold अब निवेशकों को नहीं भा रहा है। लेकिन इसके विपरीत जब बात ज्वैलरी की हो तो लोगों का भरोसा लगातार गोल्ड पर बढ़ता दिख रहा है। आंकड़े भी इस ओर इशारा कर रहे हैं। 2015 की पहली छमाही में सोने की कुल खपत में ज्वैलरी की हिस्सेदारी बढ़कर 77.6 फीसदी पहुंच गई है। जो 2013 में 62.8 फीसदी थी।

त्योहारी सीजन पर बढ़ी मांग चढ़ीं कीमतें
Gold कारोबार के लिए नवरात्र की अच्छी शुरुआत हुई है। ज्वैलर्स की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है। आल इंडिया जेम्स एंड  ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन श्रीधर जीवी ने बताया कि इस साल दक्षिण भारत के लोग बड़े पैमाने पर सिर्फ सोने की ज्वैलरी खरीदते हैं। नवरात्र में सोने की डिमांड पिछले साल के मुकाबले 5 से 10 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।

बढ़ती डिमांड से चढ़ा इंपोर्ट ग्राफ
सितंबर में खत्म हुए क्वार्टर के दौरान सोने का इंपोर्ट 25 फीसदी बढ़कर 262.2 टन रहने का अनुमान है, जो कि तीन तिमाही का उच्चतम स्तर है। दरअसल सोने की कीमतों में आई गिरावट के कारण इंपोर्ट बढ़ा है। जबकि ज्वैलर्स ने त्योहारी सीजन के दौरान निकलने वाली डिमांड को पूरा करने के लिए सितंबर में जमकर खरीददारी की है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार 2012-14 में सोने का औसत इंपोर्ट 858 टन रहा है। वहीं, इस साल अब तक 661 टन सोना देश में आया है। डब्ल्यूजीसी के अनुमान के मुताबिक इस साल सोने का इंपोर्ट 900 टन पहुंच सकता है। इसमें ज्यादातर सोना ज्वैलरी के लिए इंपोर्ट हो रहा है।

पढ़िए विशेषज्ञों की राय
मुंबई के ज्वैलर कपिल चोकसी ने बताया कि ग्राहक डायमंड ज्वैलरी के वजाय प्योर गोल्ड ज्वैलरी खासकर लाइटवेट ज्वैलरी को खरीदना पसंद कर रहे हैं। लिर्फ दीवाली के बाद जिनके परिवार में शादी है, वही भारी ज्वैलरी खरीद रहे हैं। लेकिन निवेश के लिए सिक्के और बार की डिमांड न के बराबर है।

जीएफएमएस थॉमसन रायटर के सीनियर एनालिस्ट सुधीश नामबिआथ ने कहा कि जुलाई-अगस्त में जब सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली ग्रोहकों ने सोना खरीदा। इसको देखते हुए लगता है कि सोने की कीमतों में गिरावट आती है तो डिमांड बढ़ेगी।

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