नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों को देश के हवाईअड्डों की ‘ड्यूटी फ्री’ दुकानों से खरीदे गए सामान पर माल एवं सेवाकर (GST) नहीं देना होगा और राजस्व विभाग जल्दी ही इस छूट के बारे में स्पष्टीकरण जारी करेगा। एक अधिकारी ने यह बात कही। इससे पहले अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (AAR) की नई दिल्ली पीठ ने मार्च में दी गयी एक व्यवस्था में कहा था हवाईअड्डों पर ‘शुल्क मुक्त’ दुकानों से वस्तुओं की बिक्री पर GST लगेगा।
AAR के निर्णय के बाद राजस्व विभाग को कई पक्षों की तरफ से पत्र मिले जिसमें स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया गया था। अधिकारी ने कहा कि राजस्व विभाग का रुख हमेशा साफ रहा है कि हम अपने करों का निर्यात नहीं कर सकते। हम स्पष्टीकरण जारी करेंगे जिसमें साफ होगा कि शुल्क मुक्त दुकानें जीएसटी नहीं लगाएंगी।
राजस्व विभाग स्पष्ट करेगा कि शुल्क मुक्त दुकानों को उन यात्रियों से केवल पासपोर्ट की प्रति लेनी होगी जिन्हें वे सामान बेचती हैं और बाद में ये दुकाने अपने माल की खरीद पर चुकाए गए जीएसटी के रिफंड का दावा सरकार से कर सकेंगी। पासपोर्ट की प्रति को वस्तुओं की बिक्री का सबूत माना जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार एडवांस रूलिंग प्राधिकरण (AAR) के आदेश से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। उन्हें GST व्यवस्था लागू होने से पहले केंद्रीय बिक्री कर तथा मूल्य वर्द्धित कर (VAT) से छूट प्राप्त थी। पूर्व अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में इन दुकानों से उत्पादों की बिक्री को निर्यात माना जाता था।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के भागीदार रजत मोहन ने कहा कि शुल्क मुक्त दुकानों को वैश्विक स्तर पर कर के बोझ से मुक्त रखा गया है। मोहन ने कहा कि जीएसटी नीति प्रकोष्ठ परिपत्र लाने की तैयारी में है जिसमें ऐसे शुल्क मुक्त दुकानों की स्थिति के बारे में चीजों को स्पष्ट किया जाएगा। साथ ही इसमें भुगतान किये गये कर की वापसी की विस्तृत प्रक्रिया का भी जिक्र हो सकता है।
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