नयी दिल्ली। एक अंतर मंत्रालयी समिति ने आने वाले महीनों में की जाने वाली स्पेक्ट्रम बिक्री के वास्ते नीलामीकर्ता के चयन हेतु निविदा दस्तावेज (आरएफपी) के मसौदे को मंजूरी दे दी है। यह नीलामीकर्ता 5जी रेडियो तंरगों समेत अन्य स्पेक्ट्रम बिक्री की प्रक्रिया का संचालन करेगा। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
सूत्र ने कहा कि दूरसंचार विभाग को सितंबर महीने तक नीलामीकर्ता का चयन कर लिये जाने की उम्मीद है। इस मामले को डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) की बैठक में उठाया जा सकता है। आयोग की बैठक इसी महीने होनी है।
सूत्र ने बताया कि एक बार इस मुद्दे पर आयोग की राय लेने के बाद अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) पेश किया जाएगा। इस अंतर-मंत्रीस्तरीय समिति में दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के अलावा, आर्थिक मामलों के विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय और नीति आयोग समेत अन्य के प्रतिनिधि शामिल हैं। सूत्र ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी के संचालन के लिए नीलामीकर्ता के चयन के लिए अनुरोध प्रस्ताव के मसौदे को मंजूरी दे दी है।
अक्टूबर 2016 में हुई अंतिम स्पेक्ट्रम नीलामी में केवल 40 प्रतिशत स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई थी। इस नीलामी में, केंद्र सरकार को सिर्फ 965 मेगाहर्ट्ज की बिक्री से 65,789 करोड़ रुपये मिले थे। बिक्री में कुल 2353 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम को बोली के लिए रखा गया था , लेकिन सिर्फ 965 मेगाहर्ट्ज की ही बोलियां मिल सकीं। जिन बैंडविथ की बिक्री नहीं हो सकी थी, उनमें 700 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम भी शामिल रहे। दूरसंचार कंपनियों ने न्यूनतम मूल्य बहुत अधिक रखने का हवाला देते हुए इसस किनारा कर लिया था।
सरकार ने 2017-18 और 2018-19 में स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की थी और इस साल वह 8,000 मेगाहर्ट्ज से अधिक वायुतरंगों की नीलामी करके देश की सबसे बड़ी नीलामी आयोजित करना चाहती है। हालांकि, रेडियो तरंगों के मूल्य को लेकर अड़चन बनी हुई है।
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