नई दिल्ली। अमेरिका की आईफोन निर्माता कंपनी Apple ने देश में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाकर मेक इन इंडिया के तहत अपने फोन का निर्माण शुरू करने के लिए सरकार के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं। इन मांगों पर अगले महीने वाणिज्य एवं वित्त मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों का समूह विचार करेगा।
सूत्रों ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में होने वाली इस बैठक में वाणिज्य, राजस्व, पर्यावरण व वन, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी (डीईआईटीवाई) विभाग तथा डीआईपीपी के अधिकारी भाग लेंगे।
- इस अमेरिकी कंपनी ने सरकार को लिखे पत्र में भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में उतरने के लिए टैक्स व कुछ अन्य मामलों में प्रोत्साहन की मांग की है।
- वहीं सरकारी सूत्रों का कहना है कि एप्पल को भारत में अतिरिक्त समर्थन की मांग रखे बिना ही मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करनी चाहिए।
- उनका कहना है कि अन्य कंपनियां भी भारत में मोबाइल हैंड सेट बना रही हैं।
- कोई अतिरिक्त प्रोत्साहन की मांग नहीं कर रहा है।
- इस समय सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वालों को मोडीफाइड स्पेशल इंसेन्टिव पैकेज स्कीम के तहत काफी प्रोत्साहन दे रखा है।
- वर्तमान में एप्पल के उत्पाद कोरिया, जापान और अमेरिका सहित छह देशों में बनाए जाते हैं।
- इससे पहले वित्त मंत्रालय मई में एप्पल के 30 फीसदी घरेलू खरीद नियम से छूट के आवेदन को अस्वीकार कर चुका है।
- एप्पल चीन, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित अन्य देशों में अपने खुद के रिटेल स्टोर के अपने सामान बेचती है।
- भारत में उसका अपना खुद का स्टोर नहीं है। उसने यहां दो वितरक रेडिंगटन और इंग्राम माइक्रो बना रखे हैं।
- 2014-15 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान का कुल आयात एक साल पहले के 1.95 लाख करोड़ रुपए से बढ़ कर 2.25 लाख करोड़ रुपए रहा था।
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