नयी दिल्ली। द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने यूनिक डाक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) को लॉन्च कर दिया है। स्व-प्रशासन की उच्च समझ को आगे बढ़ाने और कंपनी सचिवों के पेशे को मजबूत करने के लिए भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन) के रूप में एक अनूठी पहल शुरू की है।
जालसाजी पर लगेगी लगाम
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने मंगलवार को कहा कि यह कदम संचालन ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सुशासन के ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से UDIN निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक होगा। यूनिक डाक्यूमेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) के जरिए पंजीकरण और प्रमाणन सेवाओं के रजिस्टर को बनाए रखने में आसानी होगी। इसके जरिए विभिन्न सत्यापन और प्रमाणपत्रों के जालसाजी को भी रोका जा सकेगा। कई प्रमाण पत्र और सत्यापन की संख्या पर रोक लगेगी। UDIN के जरिए स्टेकहोल्डर्स और नियामक कंपनी सचिवों द्वारा हस्ताक्षरित या सत्यापित दस्तावेज की वैधता परखने के लिए संक्षम होंगे।
विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन) एक अक्टूबर से कंपनी सचिव द्वारा हस्ताक्षरित या प्रमाणित हर दस्तावेज के लिए अनिवार्य होगी। UDIN की उपयोगिता पर जोर देते हुए ICSI के अध्यक्ष रंजीत पांडे ने कहा कि इस व्यवस्था के अंतर्गत कंपनी सचिवों द्वारा सत्यापित हर दस्तावेज की पहचान के लिए अंग्रेजी के अक्षर और एक अल्फा न्यूमेरिक नंबर जारी किया जाएगा। इस सुविधा के शुरू होने से निश्चित तौर पर विश्वास भी बढ़ेगा।
1 अक्टूबर से होगा अनिवार्य
बता दें कि इससे सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म वाले दस्तावेज को छूट दी गई है। संस्थान ने विज्ञप्ति में कहा कि इस कदम से सत्यापन या प्रमाणन में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हितधारक कंपनी सचिवों की ओर से हस्ताक्षरित दस्तावेजों की वास्तविकता का पता लगाने में सक्षम होंगे। साथ ही कंपनी सचिवों द्वारा प्रमाणित दस्तावेजों की वैधता को लेकर विश्वास बढ़ेगा। 1 अक्टूबर 2019 से कंपनी सचिव द्वारा ई-फॉर्म को छोड़कर हस्ताक्षरित या प्रमाणित हर दस्तावेज के लिए ICSI UDIN अनिवार्य होगा।
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