नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत की दिशा सही है और वह डिजिटल पहचान तथा भुगतान सहित नीतिगत क्षेत्र में इनोवेशन कर रहा है, लेकिन देश की ग्रोथ को तेज करने के लिए उसे वित्तीय बाजार और संस्थानों के सभी क्षेत्रों पर पकड़ बनानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुद्रा और पूंजी बाजार विभाग के निदेशक टोबियास एड्रियन ने कहा कि लक्ष्य यह होना चाहिए कि अर्थव्यवस्था और एक वित्तीय प्रणाली ऐसी हो, जो झटकों को बर्दाश्त कर सके, बैलेंस शीट और फंसे हुए कर्जों (एनपीए) को अधिक अच्छी तरह प्रबंधित भी कर सकें।’’ उन्होंने आईएमएफ और विश्व बैंक की पिछले हफ्ते हुई वार्षिक बैठक के दौरान कहा कि गैर-बैकिंग वित्तीय प्रणाली को और बेहतर तरीके से तैयार किया जा सकता है, वहीं इसके साथ ही पूंजी बाजार को अधिक मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही फिनटेक से जुड़ा पूरा मसला भारत में और पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण है।
एड्रियन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम भुगतान के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति के दौर में हैं। और मुझे लगता है कि भारत इन तकनीकों और भुगतान प्रणालियों में से कई में पथ-प्रदर्शक रहा है। भारत में जिस तरह कर्ज दिया जा रहा है, वैसा और कहीं नहीं किया जा रहा, क्योंकि यहां इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचा काफी मजबूत है। लेकिन निश्चित रूप से, और अधिक काम किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत की दिशा सही है और वह डिजिटल पहचान तथा भुगतान सहित नीतिगत क्षेत्र में इनोवेशन कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट का सबसे सामान्य सबक यह है कि जब भयानक झटका लगता है तो बहुत तेजी के साथ नकदी की आपूर्ति करने की जरूरत होती है।
यह भी पढ़ें: कच्चे तेल में बढ़त के बीच पेट्रोल और डीजल में राहत, जानिए आज क्या हैं आपके शहर में कीमतें
Latest Business News