नई दिल्ली। आईटी कंपनी इंफोसिस की 36वीं सालाना आम बैठक शनिवार को बेंगलुरु में आयोजित की गई। इस बैठक में कई चीजों पर विस्तार से चर्चा की गई। कंपनी ने इस दौरान कहा कि उसके बोर्ड और प्रमोटर्स के बीच किसी तरह का विवाद नहीं है। यह सब मीडिया की देन है।
प्रमुख अधिकारियों का वेतन अधिक
इंफोसिस के प्रवक्ता ने बताया कि आम बैठक में कंपनी के टॉप मैनेजमेंट और सामान्य कर्मचारियों के वेतन में भारी अंतर पर चर्चा की गई। यह अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए इंफोसिस ने वेतन व्यवस्था को पुनर्गठित करने का फैसला किया है।
संरक्षणवाद में वृद्धि
शेयरधारकों को लिखे पत्र में कंपनी के मुख्य कार्यकारी विशाल सिक्का ने कहा है कि वित्त वर्ष 2017 में संरक्षणवाद, नई प्रतिस्पर्धा, ग्राहकों की ओर से नई तकनीक की मांग जैसी चुनौतियां पैदा हुई हैं। सिक्का ने कहा कि शुरुआती दौर में हमारे सामने मार्केट में स्थिरता के साथ बने रहने और बीपीओ बिजनेस को बढ़ाने की ही चुनौती थी। लेकिन, अब नई चुनौतियां पैदा हुई हैं और हमें लगातार परफॉर्म करना होगा ताकि लाभ के साथ ग्रोथ भी की जा सके और सभी स्टेकहोल्डर्स को फायदा हो।
ऑटोमेशन का असर
कंपनी ने कहा कि ऑटोमेशन के चलते 11,000 नौकरियां गई हैं। इसके अलावा प्रति कर्मचारी खर्च में भी 1.2 बढ़ा है। ऑटोमेशन, यूटीलाइजेशन और प्रोडक्टीविटी में सुधार के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि हमारे बिजनेस मॉडल में भविष्य में सॉफ्टवेयर की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण साबित होने वाली है।
प्रमोटर्स से कोई मतभेद नहीं
कंपनी की ओर से कहा गया है कि बोर्ड के संस्थापकों और प्रमोटर्स के साथ संबंधों में कोई मतभेद नहीं है। कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन आर. शेषाशई ने कहा कि फाउंडर्स की सलाह को बेहद गंभीरता और सम्मान से स्वीकार किया जाता है।
मई, 2018 में रिटायर होंगे शेषाशई
कंपनी के चेयरमैन शेषाशई ने कहा कि वह अगले साल मई में अपने पद से रिटायर हो जाएंगे और उससे पहले वह आखिरी बार कंपनी की एजीएम में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उनके उत्तराधिकारी को मजबूत विरासत सौंपकर जाएं।
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