नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस का शेयर मंगलवार को 16 प्रतिशत तक गिर गया। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लघु अवधि में लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक कारोबारी गतिविधियों में शामिल होने की व्हिसिलब्लोअर समूह की शिकायत को लेकर बाजार में चिंता देखी गई। इसके चलते सुबह के कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 16 प्रतिशत तक गिर गया।
बीएसई पर कंपनी का शेयर 15.94 प्रतिशत गिरकर 645.35 रुपए पर आ गया। वहीं एनएसई पर यह 15.99 प्रतिशत घटकर 645 रुपए प्रति शेयर रह गया। व्हिसिलब्लोअर समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक कामकाज में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उनकी इस शिकायत को सोमवार को कंपनी की प्रक्रिया के अनुरूप ऑडिट समिति के सामने रखा गया। रिपोर्ट के अनुसार शिकायत करने वाला समूह खुद को नैतिक कर्मी बता रहा है।
ऑडिट समिति व्हिसिलब्लोअर के आरोपों पर स्वतंत्र जांच करेगी: नंदन नीलेकण
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को कहा कि कंपनी की ऑडिट समिति मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ व्हिसिलब्लोअर समूह द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच करेगी। खुद को नैतिक कर्मी बताने वाले कंपनी के एक व्हिसिलब्लोअर समूह ने पारेख और रॉय के खिलाफ लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक कामकाज में लिप्त होने का आरोप लगाया है।
उनकी इस शिकायत को कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप सोमवार को ऑडिट समिति के सामने रखा गया। शेयर बाजार को दी सूचना में नीलेकणि ने एक बयान में कहा कि समिति ने स्वतंत्र आंतरिक ऑडिटर ईकाई और कानूनी फर्म शारदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी से स्वतंत्र जांच के लिए परामर्श शुरू कर दिया है।
नीलेकणि ने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों में से एक को 20 और 30 सितंबर 2019 को दो अज्ञात शिकायतें प्राप्त हुईं थीं। कंपनी ने सोमवार को व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को ऑडिट समिति के समक्ष पेश करने जानकारी दी थी।
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