नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का मुनाफा 3.3 प्रतिशत बढ़कर 3,726 करोड़ रुपए रहा है। इस दौरान कंपनी का राजस्व 1.4 प्रतिशत बढ़कर 17,567 करोड़ रुपए रहा। कंपनी का शुद्ध लाभ 2016-17 की इसी तिमाही में 3,606 करोड़ रुपए था।
इंफोसिस ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसकी आय 1.4 प्रतिशत बढ़कर 17,567 करोड़ रुपए रही। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने 17,310 करोड़ रुपए की आय दिखाई थी। कंपनी ने पूरे 2017-18 में आय में वृद्धि का अनुमान घटाकर 5.5- 6.5 प्रतिशत कर दिया। कंपनी ने पहले अनुमान लगाया था कि यह 6.5-8.5 प्रतिशत रहेगी। परिचालन मार्जिन 24.2 प्रतिशत रहा, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 24.1 प्रतिशत था। इंफोसिस बोर्ड ने निवेशकों को प्रति शेयर 13 रुपए का लाभांष देने की भी सिफारिश की है।
इंफोसिस के अंतरिम सीईओ और प्रबंध निदेशक यूबी प्रवीण ने एक बयान में कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान हमने प्रबंधन और बोर्ड में बदलाव को लेकर तत्काल कदम उठाए। सभी संबद्ध पक्षों के साथ सक्रियता से बातचीत कर कंपनी पर होने वाले किसी नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम किया और इन सबसे हम अपने सभी बड़े औद्योगिक इकाइयों में वृद्धि हासिल कर पाए हैं।
कंपनी के नए चेयरमैन नंदन निलेकणि की अध्यक्षता में इंफोसिस के निदेशक मंडल ने पनाया अधिग्रहण को बेदाग बताया और बोर्ड ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है।
नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता वाले इंफोसिस निदेशक मंडल ने कहा कि पूर्व सीएफओ को नौकरी से हटाते समय उन्हें किए गए भुगतान के बारे में सही समय पर उचित जानकारी दी गई। इंफोसिस के निलेकणि की अगुवाई वाले निदेशक मंडल ने पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिक्का के पनाया सौदे के बारे में पूरी जांच रिपोर्ट का खुलासा नहीं करने के रुख का समर्थन भी किया है।
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