इन्फोसिस के CEO विशाल सिक्का का बड़ा बयान, कहा-इंडियन IT सेक्टर H1B वीजा पर निर्भर नहीं
इन्फोसिस टेक्नोलाजीज के CEO विशाल सिक्का ने कहा- यह कहना या सोचना गलत होगा कि हम (IT कंपनियां) H1B वीजा पर निर्भर हैं
नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलाजीज के CEO विशाल सिक्का ने इस आम धारणा को खारिज किया है कि भारत का सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग अमेरिकी H1B वीजा का मोहताज है। यह वीजा यहां अल्पकालिक सेवा के लिए आने वाले विदेशी पेशवरों के लिए जारी किया जाता है और माना जाता है कि यह भारत की प्रमुख सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक कंपनियों में लोकप्रिय है। आपको बता दें कि अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने इस वीजा के दुरुपयों का का आरोप लगाया है और कहा है कि इस कारण अमेरिकियों के रोजगार के अवसर मारे जाते हैं। यह भी पढ़े: 2025 तक 25-30 लाख नौकरियों का सृजन करेगा आईटी सेक्टर, छंटनी का नहीं कोई डर
हम नहीं है H1B वीजा पर निर्भर
एक साक्षात्कार में 50 वर्षीय सिक्का ने कहा, यह कहना या सोचना गलत होगा कि हम H1B वीजा पर निर्भर हैं। उदाहरण के लिए यदि आप पिछले दस साल की अवधि पर गौर करें तो करीब 65,000 H1B वीजा हर वर्ष जारी किए गए। इस प्रकार 10 साल में 6,50,000 वीजा जारी किए गए जबकि हमने (आईटी कंपनियों) सामूहिक तौर पर कई लाख लोगों को नौकरी दी है। अकेले इन्फोसिस के 2,00,000 कर्मचारी हैं और TCS लगभग इससे दोगुने लोगों को नौकरी देता है। यह भी पढ़े: वित्त वर्ष 2017-18 में IT सेक्टर की आय 7-8% बढ़ने अनुमान, मिलेंगी 1.5 लाख लोगों को नौकरी: नैस्कॉम
नए अवसरों को तलशाने की जरुरत
सिक्का का कहना कि भारतीय आईटी कंपनियों को नयी तकनीकों के माध्यम से मिलने वाले नए अवसरों का उपयोग करने की जरूरत है। इन नयी तकनीकों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीक शामिल हैं जिसकी वजह से इस तेजी से बदलते सूचना प्रौद्योगिकी वातापरण में भारत अपनी शीर्ष स्थिति को बनाए रख सकता है। यह भी पढ़े: नैसकॉम ने टीसीएस और इंफोसिस का किया बचाव, कहा- कुल एच-1बी वीजा में दोनों की हिस्सेदारी सिर्फ 8.8 फीसदी
उन्होंने कहा कि ऐसे में यह सोचना कि भारतीय आईटी कंपनियां H1B वीजा पर निर्भर करती है, यह सही नहीं है। सिक्का ने यह बात एक प्रश्न के जवाब में कही। उनसे पूछा गया था कि इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी भारतीय आईटी कंपनियों का कारोबारी मॉडल एच-1बी वीजा पर आधारित है और ट्रंप सरकार के निर्णय से उनके प्रभावित होने की आशंका है।
PM मोदी ट्रंप के सामने उठा सकते है ये मुद्दा
वास्तव में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अगले हफ्ते प्रस्तावित अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात में इस मुद्दे को उठा सकते हैं।