नई दिल्ली। भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी Infosys ने सीईओ और एमडी विशाल सिक्का के इस्तीफे के एक दिन बाद ही अपने निवेशकों के लिए बड़ी घोषणा की है। कंपनी ने 13,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक की घोषणा शनिवार को की।
Infosys ने बीएसई को दी गई जानकारी में कहा है कि कंपनी 11,30,43,478 करोड़ शेयर, जो चुकता इक्विटी पूंजी के 4.92 प्रतिशत के बराबर हैं, को टेंडर रूट के जरिये वापस खरीदेगी। ओवरऑल, बायबैक का ऑफर साइज कंपनी की कुल चुकता इक्विटी पूंजी और फ्री रिजर्व के 20.51 प्रतिशत के बराबर है।
बायबैक का मूल्य बीएसई पर शुक्रवार को बंद हुए कंपनी के शेयर भाव 923.10 रुपए से 25 प्रतिशत अधिक रखा गया है। इसके अलावा बायबैक का मूल्य पिछले तीन महीनों में शेयर के औसत मूल्य से 19.08 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल में कंपनी ने कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष के दौरान अपने निवेशकों को 13,000 करोड़ रुपए का भुगतान शेयर बायबैक या डिविडेंड के जरिये करेगी।
कंपनी ने पुनर्खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए सात सदस्यीय समिति भी गठित की। इस समिति में सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, कार्यकारी उपाध्यक्ष विशाल सिक्का और अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक यूबी प्रवीण राव भी शामिल हैं। इंफोसिस ने कहा कि निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत पुनर्खरीद में 11.3 करोड़ शेयरों को खरीदा जाएगा, जो कंपनी के कुल शेयरों का 4.92 प्रतिशत है। उसने कहा कि पुनर्खरीद की प्रक्रिया की समयसीमा तथा अन्य जानकारियों की घोषणा आगे की जाएगी। इस प्रक्रिया को एक विशेष प्रस्ताव के जरिये शेयरधारकों की स्वीकृति मिलनी शेष है।
आंकड़ों के मुताबिक इंफोसिस के पास 6.1 अरब डॉलर से अधिक की नगदी है। विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बायबैक के बाद नगदी पूंजी घटकर एक तिहाई रह जाएगी। हाल ही में देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने 16,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक की घोषणा की है। विप्रो ने 11,000 करोड़ रुपए का बायबैक किया है। चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी एचसीएल टेक ने भी 3500 करोड़ रुपए में 3.50 करोड़ शेयर बायबैक को मंजूरी दी है।
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