इन्फोसिस की 13 हजार करोड़ रुपए के शेयरों की पुनर्खरीद योजना को मंजूरी, कंपनी के खिलाफ शुरू हुई अमेरिका में जांच
देश की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इन्फोसिस के निदेशक मंडल ने 13 हजार करोड़ रुपए तक के शेयरों की पुनर्खरीद योजना को शनिवार को मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इन्फोसिस के निदेशक मंडल ने 13 हजार करोड़ रुपए तक के शेयरों की पुनर्खरीद योजना को शनिवार को मंजूरी दे दी। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी जानकारी में कहा है कि पुनर्खरीद के लिए प्रति शेयर 1,150 रुपए का भाव तय किया गया है। यह भाव कंपनी के शुक्रवार के बाजार बंद होने के 923.10 रुपए के भाव से करीब 25 फीसदी अधिक है। कंपनी 11.3 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद करेगी। इन्फोसिस की अपने शेयरों की यह पहली पुनर्खरीद घोषणा है। इससे पहले इस साल अप्रैल में देश की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 16,000 करोड़ रुपए की शेयर पुनर्खरीद योजना की घोषणा कर चुकी है। विप्रो भी इस साल के आखिर में शेयर पुनर्खरीद योजना को अमली जामा पहनाएगी।
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इन्फोसिस ने पुनर्खरीद प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति में सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ एवं प्रबंध निदेशक यूबी प्रवीण राव भी शामिल हैं। इसके अन्य सदस्यों में मुख्य वित्तीय अधिकारी सीएफओ एमडी रंगनाथ, डिप्टी सीएफओ जयेश संगराजका, महा अधिवक्ता इंदरप्रीत साहनी और कंपनी सचिव एजीएस मनिकांत शामिल हैं।
इन्फोसिस ने कहा कि निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत पुनर्खरीद में 11.3 करोड़ शेयरों को खरीदा जाएगा जो कंपनी के कुल शेयरों का 4.92 प्रतिशत है। उसने कहा कि पुनर्खरीद की प्रक्रिया की समय-सीमा तथा अन्य जानकारियों की घोषणा आगे की जाएगी। इस प्रक्रिया को एक विशेष प्रस्ताव के जरिए शेयरधारकों की स्वीकृति मिलनी शेष है।
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निदेशक मंडल ने इस पुनर्खरीद को ऐसे समय में मंजूरी दी है जब दो दिन पहले ही विशाल सिक्का ने कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कंपनी के कुछ संस्थापकों द्वारा कंपनी संचालन को लेकर आरोप लगाए जाने और भ्रमित करने वाला अभियान चलाए जाने के मद्देनजर इस्तीफा दिया। निदेशक मंडल ने सिक्का के इस्तीफे के लिए सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति की मुहिम को जिम्मेदार बताया।
TCS से पहले सबसे बड़ी पुनर्खरीद की घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने की थी। उसने एक फरवरी 2012 से 19 जनवरी 2013 के बीच 10,440 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की बात कही थी। हालांकि, वह इसका 38 प्रतिशत यानी महज 3,900 करोड़ रुपए के शेयरों की ही पुनर्खरीद कर पाई। इस अवधि में उसके शेयर आठ प्रतिशत मजबूत हुए थे। इन्फोसिस ने अप्रैल में घोषणा की थी कि वह इस वित्त वर्ष में लाभांश या पुनर्खरीद के जरिए शेयरधारकों को 13 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।
इन्फोसिस के खिलाफ शुरू हुई अमेरिका में जांच
अमेरिका की चार कानून कंपनियों ने इन्फोसिस के खिलाफ जांच शुरू की है। उन्होंने इन्फोसिस के निवेशकों की तरफ से इन संभावित दावों की जांच शुरू की है कि क्या कंपनी या उसके अधिकारियों एवं निदेशकों ने संघीय सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है।
यह जांच ऐसे समय में शुरू हुई है जब इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ विशाल सिक्का ने कंपनी संचालन में गड़बड़ी के आरोप लगाये जाने के कारण एक दिन पहले ही पद से इस्तीफा दिया है। जांच शुरू करने वाली कानून कंपनियां ब्रोंसटाइन, गेविर्ज एंड ग्रॉसमैन, रोसेन लॉ फर्म, पोमेरांत्ज लॉ फर्म और गोल्डबर्ग लॉ पीसी हैं।
रोसेन ने एक बयान में बताया कि वह इन्फोसिस के शेयरधारकों की ओर से संभावित सुरक्षा दावों की जांच कर रही है। आरोप है कि इन्फोसिस ने निवेशकों को गलत कारोबारी सूचनाएं दी थी।