नयी दिल्ली: उद्योग संघों ने सरकार से ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर टिप्पणियां भेजने की समयसीमा को छह जुलाई से आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उद्योग संगठनों तथा उपभोक्ता मामलों के विभाग के बीच विचार-विमर्श के बाद उद्योग के प्रतिनिधियों ने इस समयसीमा को छह जुलाई से आगे बढ़ाने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार, कुछ प्रतिनिधियों का विचार है कि प्रस्तावित दिशानिर्देशों से उपभोक्ताओं को कोई मदद नहीं मिलेगी और ऑनलाइन तथा ऑफलाइन विक्रेताओं के बीच समरूपता के अभाव में उपभोक्ताओं तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) का हित प्रभावित होगा।
उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में धोखाधड़ी वाली सस्ती बिक्री पर रोक, गलत तथ्यों के आधार पर पर बिक्री तथा मुख्य अनुपाल अधिकारी/शिकायत समाधान अधिकारी की नियुक्ति आदि प्रमुख संशोधनों का इसमें प्रस्ताव किया गया है। इन संशोधन प्रस्तावों पर सार्वजनिक तौर पर 6 जुलाई तक टिप्पणियां और सुझाव मांगे गये हैं। इसके अलावा अन्य संशोधनों में सरकार ने भारत में परिचालन की मंशा रखने वाली प्रत्येक ई-कॉमर्स इकाई के लिए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के पास पंजीकरण को अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है।
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